रुपये में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। बीते कुछ महीनों में रुपये में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। फिलहाल अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी आने के कारण गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 79.77 पर पहुंच गया। हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि उच्च तेल की कीमत, महीने के अंत में आयातक मांग और वैश्विक मंदी की आशंका स्थानीय इकाई (रुपये) के लाभ को सीमित कर सकती हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.80 पर ओपन हुआ और शुरुआती कारोबार में 79.77 तक पहुंच गया, जो पिछले बंद के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त को दर्शाता है। बता दें कि बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 79.91 पर बंद हुआ था।
ट्रेजरी, फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि रुपया बुधवार के बंद की तुलना में थोड़ा मजबूती के साथ खुला। यूएस फेड ने 75 आधार अंकों की दरों में वृद्धि की और कहा कि इसका उद्देश्य मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत तक लाना है, लेकिन इसके दृष्टिकोण में भी थोड़ा सा है। भंसाली ने भताया कि डाउ जोंस और एशियाई सूचकांकों में तेजी रही, जबकि एशियाई मुद्राओं में भी तेजी दर्ज की गई। हालांकि, डॉलर सूचकांक 107 के स्तर से नीचे गिर गया। उन्होंने कहा कि डॉलर अभी भी मजबूत बना हुआ है।
छह मुद्राओं की एक बास्केट के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.22 प्रतिशत गिरकर 106.21 पर आ गया। इसके अलावा वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.83 प्रतिशत बढ़कर 107.50 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
घरेलू इक्विटी की बात करें तो खबर लिखे जाने तक 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 464.87 अंक या 0.83 प्रतिशत बढ़कर 56,281.19 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 118.45 अंक या 0.71 प्रतिशत बढ़कर 16,760.25 पर कारोबार कर रहा था। बता दें कि विदेशी निवेशक (FPI) बुधवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाली कर रहे थे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, 436.81 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री हुई।