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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा करने आएंगे उच्च अमेरिकी अधिकारी.. 

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच अमेरिका के वित्त विभाग के उच्च अधिकारी अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर आएंगे। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिकी वित्त अधिकारी अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर आएंगे। ऐसे में इस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी। अमेरिकी अधिकारी मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ाने, ऊर्जा सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।

24-26 अगस्त को आएंगे भारत

अमेरिकी वित्त विभाग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वित्त विभाग के उप मंत्री वैली अडेमो 24-25 अगस्त को मुंबई और 26 अगस्त को नई दिल्ली में कई बैठकों और कार्यक्रमों में शामिल होंगे। बयान में कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारी अडेमो अपनी यात्रा के दौरान, अमेरिका और भारत के संबंधों और सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि को और मजबूत करेगा। इसके साथ ही वे दोनों देशों के गहरे आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों पर भी चर्चा करेंगे।

आर्थिक और ऊर्जा मुद्दों पर होगी नजर

बता दें कि वर्ष 2023 में भारत G-20 का नेतृत्व करेगा। ऐसे में अमेरिकी अधिकारी की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण होने वाली है। वे भारतीय अधिकारियों के साथ ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने, विश्व स्तर पर खाद्य असुरक्षा संकट को संबोधित करने और अवैध वित्तीय प्रवाह का मुकाबला करने जैसी प्रमुख साझा प्राथमिकताओं पर भी चर्चा करेंगे।

छात्रों और उद्यमियों से करेंगे मुलाकात

जानकारी के अनुसार, अमेरिकी उप मंत्री 24 और 25 अगस्त को मुंबई में अपने समकक्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वह वित्तीय सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्र के कार्यकारियों के साथ भी बैठक करेंगे। इस दौरान, वे IIT मुंबई के सोसाइटी फार इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्ट-अप इनक्यूबेटर (Society for Innovation and Entrepreneurship start-up incubator) का भी दौरा करेंगे, जहां वे छात्रों और उद्यमियों से मिलेंगे और अमेरिका-भारत के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। इसके बाद वह 26 अगस्त को दिल्ली में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। गौरतलब है कि 24 फरवरी को यूक्रेन में रूस द्वारा सैन्य कार्रवाई करने के बाद अमेरिका और पश्चिमी दशों ने रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं। पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात बढ़ाया है और व्यापार करना जारी रखा है।