नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड अवैध जहरीली शराब और नशे का अड्डा बन चुका है। हरिद्वार के शिवगढ़ और फूलगढ़ गांव में कच्ची शराब ने छह से सात लोगों की जान ले ली।
अवैध नशे का कारोबार करने वाले माफियाओं को सरकार के ताकतवर लोगों का संरक्षण मिला होता है, इसीलिए आज तक तमाम जांचों के बाद भी न अवैध जहरीली शराब का कारोबार रुका है ना ही इनके पीछे की बड़ी मछलियों को जेल भेजा गया है।
भाजपा शासित अन्य राज्यों में भी पिछले पांच वर्षों में अवैध जहरीली शराब से जमकर मौतें हुई हैं। उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड की बता करें तो पांच वर्षों में अवैध जहरीली शराब से करीब 600 लोगों की मौत हुई है।
नेता प्रतिपक्ष ने याद दिलाते हुए कहा कि फरवरी 2019 के महीने हरिद्वार जिले के भगवानपुर के झबरेड़ा थाने के बल्लुपुर आदि गांव में मार्च के महीने फरवरी के महीने 19 में 44 लोगों की मौत अवैध शराब की सेवन से हुई थी।
भगवानपुर अवैध शराब कांड में जो लोग पीड़ित हुए उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए तक एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं हो पाई थी। आज इन गरीबों के मासूम बच्चे दर-दर की ठोकर खाकर भीख मांगने को मजबूर हैं।
इस शराब कांड की विधानसभा की समिति से जांच करवाई गई, लेकिन आज तक ये पता नहीं चला कि आखिर इस कांड के पीछे कौन था और किस विभाग की जिम्मेदारी थी।
यशपाल ने बताया कि केवल भगवानपुर में ही नहीं, बल्कि इसी समय पड़ोस के उत्तर-प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ और कुशीनगर में भी अवैध शराब कांड हुआ जिसमें लगभग 100 लोगों की मौत हुई।
आर्य ने सरकार को याद दिलाते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने तब दावा किया था कि अवैध शराब के व्यापार को रोकने के लिए कानून लाएंगे, परंतु इस घटना के सात महीने बाद ही सितंबर 2019 में राजधानी देहरादून में छह लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई।
यशपाल का कहना है कि इस कांड में गिरफ्तार व्यक्ति का संबंध भारतीय जनता पार्टी से था। राज्य में अवैध शराब और नशीले पदार्थों का व्यापार दीमक की तरह फैल रहा है।
अवैध शराब की बिक्री रुक नहीं रही है, हरिद्वार में जहरीली शराब का आतंक पहले भगवानपुर और अब फूलगढ़ व शिवगढ़ में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। यह जहरीली शराब के सौदागर जो भी हों उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।