
बचाव के लिए यह करें — संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। – कीटनाशकों से माध्यम से पशुओं के कीट, किलनी, मक्खी और मच्छरों को नष्ट करें — संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्र में पशुओं का आवागमन रोकें। — पशुओं के बाजार, मेले और क्रय-विक्रय रोकें। यह हैं लक्षण पशु को हल्का बुखार, मुंह से अत्यधिक लार आना। आंख एवं नाक से पानी बहना। पैरांें में सूजन, दूध उत्पादन कम होना। शरीर में दो से पांच सेंटीमीटर तक की गठानें। समय रहते नहीं उठाए कदम : कमल नाथ पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश सरकार कई दिनों से चीता इवेंट में लगी रही। प्रदेश में गायों की सुध नहीं लगी। समय रहते लंपी बीमारी को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए। कई जिलों में गायें तड़प कर मर रही हैं। सड़क दुर्घटना में भी गायें मर रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार को सुध नहीं है।मैं मानता हूं कि लंपी वायरस को बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। पड़ोसी राज्यों में जिस तरह गाय और बाकी पशुओं की मृत्यु हुई, वह दृश्य हमने देखे हैं। किसी भी कीमत पर हमें उस स्थिति को पैदा नहीं होने देना है। यह एक तरीके से पशुओं में कोविड जैसा ही है: CM pic.twitter.com/0HAJcr8tAu
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 21, 2022