WTO की बैठक में भारत ने गेहूं-चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का किया बचाव
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बैठक में गेहूं (Wheat) और चावल (Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले का बचाव किया है। कुछ सदस्य देशों द्वारा चावल और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर चिंता जताने के बाद भारत ने यह स्टैंड दिखाया है।
पिछले हफ्ते जिनेवा में एक बैठक में अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे वैश्विक बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
मई में भारत ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इस महीने भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके अलावा मौजूदा खरीफ सीजन में धान की फसल के रकबे में गिरावट के बीच घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था।
आपको बता दें कि विश्व व्यापार संगठन के ज्यादातर सदस्य देश विवाद निपटान मंच पर किसी विकासशील राष्ट्र द्वारा दी गई निर्धारित सब्सिडी सीमा में किसी भी उल्लंघन को चुनौती देने से बचते हैं। निर्धारित सीमा से अधिक सब्सिडी को ट्रेड प्रैक्टिस के खिलाफ माना जाता है। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह सीमा खाद्य उत्पादन मूल्य का 10 प्रतिशत तय की गई है। भारत ने इस मुद्दे का स्थायी समाधान खो