उम्र बढ़ने के साथ बालों का सफेद होना आम समस्या है लेकिन युवा अवस्था में सफेद बाल चिंता की वजह। तो इसे दूर करने के लिए कलरिंग कराने से पहले एक बार जरा ये नेचुरल उपाय आजमाकर देखें जो साबित हो सकते हैं काफी फायदेमंद।
सफ़ेद बाल अब उम्र से सम्बंधित नहीं रहे, अब युवावस्था में भी लोगों के बाल सफ़ेद हो रहे हैं जिसे प्री-मैच्योर ग्रेइंग कहा जाता है। जिसके छिपाने के लिए लोगों के दिमाग में सबसे पहला ख्याल कलर करवाने का आता है। कलरिंग बेशक सफेद बालों को आसानी से कवर कर देती है लेकिन इसके अपने अलग तरह के नुकसान होते हैं। वैसे अब युवा इसे स्टाइल स्टेटमेंट के रूप में अपना रहा है। लेकिन हर कोई प्री-मैच्योर ग्रेइंग को इतनी आसानी से नहीं अपना पाता, तो अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो एक बार इन नेचुरल उपायों को आजमाकर देखें। जो कर सकते हैं इस प्रॉब्लम को काफी हद तक दूर।
विटामिन बी की कमी
विटामिन बी 12 की कमी सफ़ेद बालों का कारण हो सकती है। इसकी कमी से बहुत ज्यादा थकान, एनर्जी की कमी, मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिखते हैं। इसका आसान समाधान है सप्लीमेंट। अगर आप नहीं जानते की आपको बी 12 की कमी है या नहीं, तो एक बार ब्लड टेस्ट करवा लें। फिर डॉक्टर की सलाह से विटामिन बी सप्लीमेंट्स लेना शुरू करें जिससे सफ़ेद बालों की समस्या दूर हो जाएगी।
ब्लैक स्ट्रैप मोलेसेस
आयरन, सेलेनियम और मैंजनीस जैसे लिक्विड मिनरल्स से भरा ब्लैक स्ट्रैप मोलेसेस का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यह सफ़ेद बालों का बढ़ने से रोकता है। बालों के नेचुरल कलर को बनाए रखने में मददगार होता है।
आंवला
विटामिन, खनिज, फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा से भरपूर, एंटी-एजिंग जड़ी-बूटी आंवला बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है और बालों को सफेद करने के लिए जिम्मेदार मुक्त कणों को बाहर निकालता है। आंवले में मौजूद विटामिन सी एक बहुत ही असरदार एंटी-ऑक्सीडेंट है। इससे बालों को असमय सफेद होने से बचाने के साथ ही बालों का नेचुरल कलर बरकरार रखने में मदद मिलती है।
प्याज़