इस सीजन में 14 दिसंबर तक मांगलिक कार्य चलेंगे। अकेले दिल्ली में 3.5 लाख शादियों पर 75 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस सर्वे में 35 शहरों के 4032 व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है।
शादियों में होने वाला खर्च
कैट के मुताबिक, प्रत्येक विवाह में कुल राशि में से 20 प्रतिशत खर्च दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग स्वयं करते हैं। जबकि समारोह में खर्च होने वाला 80 प्रतिशत पैसा उन एजेंसियों के पास जाता है, जो इसका प्रबंधन करती हैं। कैट ने बताया कि शादी के मौसम से पहले एक बड़ी राशि मकानों की मरम्मत के तौर पर पहले ही खर्च की जा चुकी है। इसके अलावा आभूषण, साड़ी, लहंगा, फर्नीचर, कपड़े, सूखे मेवे, मिठाई, पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावट के सामान की भी अच्छी मांग रहने की उम्मीद है। देशभर में बेंक्वेट हाल, होटल, खुले लान, सामुदायिक केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्म हाउस शादियों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
त्योहारी सीजन में कारोबार से उत्साहित देशभर के व्यापारी अब शादियों के सीजन में खरीदारी को लेकर काफी आशान्वित हैं। चार नवंबर से मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो गए हैं और यह 14 दिसंबर तक चलेंगे। द कंफडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक सर्वे के मुताबिक, इस दौरान देशभर में 32 लाख शादियां होंगी और इससे 3.75 लाख करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है।
अकेले दिल्ली में इस दौरान 3.5 लाख शादियां होने की उम्मीद है और इस पर लगभग 75,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पिछले साल इसी अवधि के दौरान देशभर में 25 लाख शादियां हुई थीं और तीन लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। सर्वे में 35 शहरों के 4032 व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है। संगठन ने कहा है कि शादियों के सीजन में कारोबार की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारी की है।
किस शादी में कितना बजट
05 लाख शादियों पर अनुमानित तीन लाख रुपये का खर्च होगा। 10 लाख शादियों में प्रत्येक की लागत लगभग पांच लाख रुपये होगी 10 लाख शादियों पर 10 लाख रुपये तक होंगे खर्च 05 लाख शादियों पर 25 लाख रुपये से अधिक खर्च होने की उम्मीद 50,000 शादियों पर 50 लाख रुपये से एक करोड़ तक का होगा खर्च 50 हजार शादियां ऐसी होंगी, जिस पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि अकेले दिल्ली में इस दौरान साढ़े तीन लाख से अधिक शादियां होने की उम्मीद है, जिससे करीब 75,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है।4पिछले साल इसी अवधि के दौरान देशभर में हुई थीं 25 लाख शादियां, तीन लाख करोड़ से अधिक का हुआ था कारोबार 4कैट के सर्वे के मुताबिक शादी के मौसम से पहले एक बड़ी राशि मकानों की मरम्मत के तौर पर पहले ही खर्च हो चुकी है