पाकिस्तान के लाहौर में जमीन हड़पने की घटनाओं में बढ़ोतरी से शहर में करीब 30 प्रतिशत तक अपराध बढ़ गए हैं। इसके साथ ही यह शहर अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर भी सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर में हाउसिंग सोसायटियों की संख्या में वृद्धि और बड़े पैमाने पर व्यावसायिक गतिविधियों के कारण भू-माफियाओं की हलचल तेज हुई है। अवैध तरीकों से संपत्तियों पर कब्जा करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे ज्यादातर स्थानीय लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं।

शहर में ऐसा देखा जा रहा है कि लोकल सिक्योरिटी अधिकारियों का अधिकतम समय जमीन से जुड़े विवादों को निपटाने में ही बीत रहा है। इस स्थिति में स्ट्रीट क्राइम से जुड़ी घटनाओं पर पुलिस प्रशासन ध्यान ही नहीं दे पाता है। बताया जा रहा है कि भूमाफिया से निपटने में एक सीनियर पुलिस अधिकारी की संदिग्ध भूमिका को लेकर शहर में बहस छिड़ी हुई है। आरोप है कि भूमि हड़पने वालों ने पुलिस अधिकारी की नाक के नीचे मालिकों को उनकी मूल्यवान संपत्तियों से बेदखल कर दिया।
लाहौर में भूमि सटोरियों का उत्पात रिपोर्ट के मुताबिक, माफियाओं ने लाहौर में भूमि सटोरियों के जरिए उत्पात मचा रखा है। ये लोग हाउसिंग सोसायटियों के लिए काम करते हैं और आसानी से फर्जी दस्तावेज हासिल कर लेते हैं। पुलिस विभाग के आधिकारिक आंकड़ों को देखें तो लाहौर में डकैती और अन्य जघन्य अपराधों की संख्या में 150 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।
सदर डिवीजन में लूटपाट की अधिक घटनाएं आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सदर डिवीजन में इस साल जनवरी से सितंबर के बीच सबसे अधिक लूट के 2,499 और चाइल्ड रेप के 49 केस दर्ज हुए। आंकड़ों
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