सर्दी के साथ चल रही बर्फीली हवाओं से बुजुर्ग बेहाल हैं। नए साल के दूसरे दिन हृदय रोग संस्थान और एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में सुबह से गंभीर मरीजों के आने का सिलसिला चलता रहा। सोमवार को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से 15 लोगों की सांसें थम गईं, जिसमें नौ बुजुर्ग हैं। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान की इमरजेंसी में देर शाम तक 52 गंभीर मरीज भर्ती हुए, जबकि एलएलआर अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के 14 मरीज भर्ती हुए।

सोमवार को पहली बार हृदय रोग संस्थान में इमरजेंसी कंट्रोल रूम शुरू किया गया है। लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट यानी एसजीपीजीआइ से बांड के तहत तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर हृदय रोग संस्थान में इमरजेंसी कंट्रोल रूम की व्यवस्था संभाल रहे हैं। निदेशक प्रो. विनय कृष्ण को इमरजेंसी के डयूटी आफिसर ने रिपोर्ट दी है। उसके मुताबिक हृदय रोग संस्थान में इलाज के दौरान छह दिल के मरीजों की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
हृदय रोग संस्थान में सात मरीज विलंब से पहुंचे, तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। डाक्टरों ने देखते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। निदेशक का कहना है कि उन सभी की मौत की वजह हार्ट अटैक ही है।उन्नाव के शुक्लागंज निवासी 69 वर्षीय लल्लन कुमार कुरील को सुबह भीषण सिर दर्द हुआ। उसके बाद वह बेहोश हो गए। स्वजन उन्हें उर्सला लेकर आए, जहां से डाक्टर ने एलएलआर इमरजेंसी भेज दिया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी तरह बिल्हौर के 70 वर्षीय कुंवर सिंह रेफर होकर एलएलआर इमरजेंसी आए थे, जहां इलाज के दौरान उनकी सांसें थम गईं। ओपीडी में दोपहर तक गंभीर मरीज आते रहे।
सर्दी ने बुजुर्गों को बेहाल कर दिया है। रविवार रात ब्रेन स्ट्रोक के दस मरीज भर्ती हुए थे। सोमवार सुबह से ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आकर 14 मरीज भर्ती हुए हैं। इस समय मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और दिल के पुराने मरीज गंभीर स्थिति में इलाज के लिए आ रहे हैं।
बच्चों की बढ़ी परेशानी
एलएलआर अस्पताल के बाल रोग विभाग की इमरजेंसी में पहली बार बीते 24 घंटे में निमोनिया से पीड़ित सात बच्चे भर्ती कराए गए हैं। उनकी स्थिति को देखते हुए निगरानी में रखा गया है। बाल रोग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अमितेश यादव का कहना है कि सर्दी में छोटे बच्चों का विशेष ख्याल रखें। उन्हें अच्छी तरह गर्म कपड़े पहनाएं। ताजा भोजन कराएं।
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