तिरुवनंतपुरम फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने पहली बार एक ट्रांसजेंडर को यौन शोषण करने का दोषी ठहराया…
तिरुवनंतपुरम फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को राज्य में पहली बार एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सात साल पहले एक लड़के का यौन शोषण करने का दोषी ठहराया। केरल में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को सजा दी गई है। न्यायाधीश आज सुदर्शन ने फैसले में कहा कि जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को एक साल अतिरिक्त जेल में बिताना होगा।
पुलिस ने कहा कि यह घटना 2016 में हुई थी, जब राज्य की राजधानी शहर के लिए ट्रेन यात्रा के दौरान एक ट्रांसवुमन एक युवा लड़के से मिली थी। उसकी लड़के से दोस्ती हो गई और जब ट्रेन सेंट्रल स्टेशन पर पहुंची तो वह लड़के को स्टेशन से बाहर अपने ठिकाने पर ले गई और उसका यौन उत्पीड़न किया।
विशेष लोक अभियोजक आर एस विजय मोहन, अधिवक्ता मुबीना और आरवाई अखिलेश अभियोजन पक्ष के लिए उपस्थित हुए और बताया ‘घटना 23 फरवरी 2016 की है जब आरोपी पीड़ित से ट्रेन में मिला था, वह नाबालिग को बहलाकर अपने साथ ले गया और थंबनूर पब्लिक कम्फर्ट स्टेशन पर उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाये। जब नाबालिग ने ऐसा करने से इनकार किया तो आरोपी ने उसे डराया और जान से मारने की धमकी दी।’
अभियोजकों ने आगे कहा कि यह घटना तब सामने आई जब पीड़िता की मां को उसके फेसबुक मैसेंजर के जरिए पता चला।