डिलीवरी के बाद बुखार आने की समस्या को पोस्टपार्टम फीवर कहते हैं। हर महिला को डिलीवरी के बाद बुखार आए ऐसा जरूरी है। डिलीवरी के बाद संक्रमण या किसी अन्य बीमारी के चलते बुखार आ सकता है। डिलीवरी के बाद निमोनिया, सेप्सिस, मलेरिया, टायफाइड आदि बीमारियों के कारण भी बुखार आ सकता है। बुखार के दौरान महिला को सामान्य बुखार जैसे लक्षण ही नजर आ सकते हैं जैसे ठंड या कंपकंपी महसूस होना, शरीर में जकड़न महसूस होना आदि। पोस्टपार्टम बुखार के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
पोस्टपार्टम फीवर क्या है?-
डिलीवरी के बाद 24 घंटों में अगर शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर जाता है, तो उसे पोस्टपार्टम फीवर कहते हैं। सर्जरी के घाव में संक्रमण के कारण भी बुखार आ सकता है। ये बुखार वैसे तो कुछ समय में ही ठीक हो जाता है लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बुखार आने पर डॉक्टर की बताई दवाएं लें और केवल घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें।
पोस्टपार्टम फीवर के लक्षण-
तेज बुखार
सिर दर्द होना
बदन में अकड़न होना
संक्रमण के साथ बुखार होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
पोस्टपार्टम फीवर के कारण-
टांकों के कारण भी कुछ महिलाओं को हल्का बुखार आता है जो कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
टांकों में संक्रमण के कारण भी बुखार आ सकता है।
साफ-सफाई की कमी के कारण संक्रमण की चपेट में आने से डिलीवरी के बाद बुखार आ सकता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने के कारण महिलाओं को डिलीवरी के बाद बुखार आ सकता है।
ब्रेस्ट टिशू में इंफेक्शन के कारण डिलीवरी के बाद बुखार आ सकता है। इस संक्रमण को मैस्टाइटिस (Mastitis) कहते हैं। अगर आप शिशु को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवाती हैं, तो भी इस संक्रमण का शिकार हो सकती हैं।
पोस्टपार्टम फीवर से बचने के उपाय-
पोस्टपार्टम फीवर से बचने के लिए इन उपायों की मदद लें-
सी-सेक्शन से डिलीवरी हुई है, तो टांकों में संक्रमण होने से बचें। इस कारण भी बुखार आ सकता है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें।
यूटीआई संक्रमण से बचें, इसके कारण भी बुखार आ सकता है।
ठंडी हवा या ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें।
पोस्टपार्टम फीवर का इलाज-
अगर संक्रमण के कारण बुखार आया है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स खाने की सलाह दे सकते हैं। अगर बुखार 100 से ज्यादा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पैर में सूजन या दर्द होने पर भी डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लीडिंग या पस बनने की स्थिति में भी डॉक्टर से बात करें। बुखार आने पर ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें। इससे संक्रमण जल्दी ठीक होता है।
पोस्टपार्टम फीवर, कभी-कभी संक्रमण के कारण भी हो सकता है इसलिए लक्षण नजर आने पर नजरअंदाज न करें बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।