कांग्रेस ने अदाणी समूह को कथित प्रश्रय दिए जाने को लेकर अपना हमला जारी रखते हुए अब अदाणी समूह के चीनी लिंक के दावों पर केंद्र सरकार को घेरा है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि चीनी कंपनियों के भारत के बंदरगाह और टर्मिनल क्षेत्र में निवेश पर रोक की नीति के खिलाफ चीन की कंपनी से संबंध होने के बावजूद अदाणी समूह को देश के बड़े बंदरगाह का संचालन कैसे करने दिया जा रहा है।
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम का बयान
कांग्रेस ने अदाणी समूह को लेकर किए गए ताजा हमलों के जरिए एक बार फिर शरद पवार के जेपीसी जांच के औचित्य पर उठाए सवालों को भी खारिज कर दिया। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने अदाणी समूह के कथित चीन लिंक को लेकर बयान जारी करते हुए कहा ”भारत सरकार की नीति है कि हमारे बंदरगाहों और टर्मिनलों में चीन से जुड़ी कोई कंपनी निवेश नहीं उन्होंने कहा कि सरकार ने 2022 में एपीएम टर्मिनल्स मैनेजमेंट और ताइवान की वान हाई लाइंस के एक कंसोर्टियम को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि एजेंसियों को वान हाई के निदेशक और एक चीनी फर्म के बीच रिश्तों का पता चला था। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी में एक कंटेनर हैंडलिंग टर्मिनल संचालित करने के लिए कंसोर्टियम की बोली का रास्ता रूक गया था।”
अदाणी समूह के चीन लिंक पर खड़े किए नए सवाल
जयराम ने कहा कि अदाणी समूह के चीन लिंक नए सवाल खड़े करते है और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से ”हम अदानी के हैं कौन” के प्रश्नों की श्रृंखला में बार-बार बताया है कि चीनी नागरिक चांग चुंग-लिंग अदाणी समूह के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। इतना ही नहीं उसका बेटा पीएमसी प्रोजेक्ट्स का मालिक है जिसने अदाणी समूह के लिए बंदरगाहों, टर्मिनलों, रेल लाइनों, बिजली लाइनों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है।
ओवर-इनवॉइसिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अदाणी समूह और पीएमसी पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा 5500 करोड़ रुपए के बिजली उपकरण के ओवर-इनवॉइसिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह को शंघाई स्थित दो शिपिंग कंपनियों का संचालन करने के लिए भी जाना जाता है, जिनमें से एक चीन के करीबी सहयोगी उत्तर कोरिया को पेट्रोलियम उत्पादों की अवैध बिक्री में शामिल थी।
जयराम ने किया दावा
जयराम ने कहा कि चीन से इतने करीबी संबंधों को देखते हुए अदाणी समूह को देश के बंदरगाह खरीदने और संचालित करने की अनुमति क्यों दी जा रही है? जयराम ने यह दावा भी किया इस मामले में देश की सुरक्षा से जुड़े गंभीर पहलुओं की भी अनदेखी की गई है।