नई दिल्ली 19जनवरी। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को लाभ के पद पर रहने के कारण अयोग्य घोषित करने की राष्ट्रपति से सिफारिश की है।
राष्ट्रपति से राज्य में 21विधायकों के संसदीय सचिव नियुक्त किए जाने के कारण लाभ के पद पर रहने की 2016 में शिकायत की गई थी।राष्ट्रपति ने मामला चुनाव आयोग को भेजा और चुनाव आयोग ने मार्च 2016 में ही 21 आप विधायकों को नोटिस भेजा, जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई। आयोग ने इसका बाद आज 20 विधायकों को लाभ के पद पर रहने के कारण अयोग्य घोषित करने की राष्ट्रपति से सिफारिश कर दी है।
शिकायत 21 विधायकों के खिलाफ हुई थी लेकिन इनमें से एक जनरैल सिंह ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है इस कारण 20 को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई है।राष्ट्रपति को इन विधायको की सदस्यता पर अंतिम निर्णय लेना है।माना जा रहा है कि राष्ट्रपति आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लेंगे।
इन विधायको की सदस्यता रद्द होने पर भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर कोई खतरा नही है। 70 सदस्यीय विधानसभा में इन 20 की सदस्यता रद्द होने पर भी केजरीवाल सरकार के पास 70 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक रहेंगे जोकि बहुमत के लिए आवश्यक 36 विधायकों से 11 ज्यादा है।अगर संभावित उप चुनाव में सभी 20 सीटे आप हार भी जाय तो भी सरकार पर कोई असर नही पड़ेगा।
इसके बाद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह बड़ा राजनीतिक झटका है।आयोग की सिफारिश की जानकारी मिलते ही भाजपा एवं कांग्रेस दोनो ने ही केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है।वहीं आप ने इसको लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।