दिल्ली-NCR, यूपी सहित देश के अन्य राज्यों से उत्तराखंड घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों के हाथ अब मायूसी लगेगी। पिछले 81 सालों के पर्यटकों के सफर में साथ रहे पैडल रिक्शा की सवारी अब पर्यटक नहीं कर सकेंगे। देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू से लेकर फिल्म और राजनीतिक दुनिया के कई दिग्गज नैनीताल में रिक्शा की सवारी कर चुके हैं।

नैनीताल शहर की माल रोड पर 81 साल से तल्लीताल से मल्लीताल के बीच चलने वाले पैडल रिक्शे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। वर्ष 1942 में एक आना किराए से शुरू हुई रिक्शे की सवारी 20 रुपये तक पहुंचने के बाद बंद होने जा रही है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल में ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए दो हफ्ते के भीतर पैडल रिक्शा बंद करने का आदेश दिया है।
इनके स्थान पर 50 नए ई-रिक्शा उतारने को कहा है। यों तो नैनीताल में मानव श्रम से सवारियों को ढोना का इतिहास 176 साल पुराना है। अंग्रेजों ने 1846 में नैनीताल में पर्यटन की शुरुआत की। पहाड़ी इलाका होने से यहां सामान ढोने के लिए कुली जबकि आवागमन के लिए घोड़े हांडी की शुरुआत हुई।
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