सर्व पितृ अमावस्या आज 14 अक्टूबर दिन शनिवार को मनाई जा रही है. इसे पितृ विसर्जन अमावस्या के रूप में भी मनाते है. पितृ पक्ष माह में अमावस्या की तिथि नाराज पितरों को खुश करने का अंतिम दिन होता है.और पितृ पक्ष माह में धरती पर आए पितर वापस पितृ लोक जाते हैं. जो लोग किसी कारणवश अपने पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाते हैं, वे लोग आज के दिन सर्व पितृ अमावस्या को पितरों का श्राद्ध करा सकते है. इस दिन का बड़ा महत्व होता है. इस दिन त्रिपिंडी श्राद्ध होता है. जो त्रिपिंडी श्राद्ध में पिता, दादा और परदादा का श्राद्ध होता है.
सर्व पितृ अमावस्या की तिथि और मुहूर्त हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन होती है. इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या की तिथि 13 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रात 09:50 बजे से लेकर आज 14 अक्टूबर दिन रविवार को रात 11:24 बजे तक रहेगा। इस दिन
सर्व पितृ अमावस्या पितरों का श्राद्ध कर्मों को सूर्यास्त से पूर्व संपन्न कर लेना चाहिए।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए आप अपने माता पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं. पितरों श्राद्ध करने के लिए अपने घर पर या नदी तट पर कर सकते है। तभी वह जीवन में फलदायी होता है. आज के दिन हम त्रिपिंडी श्राद्ध में पिता को वसु, दादा को रुद्र और परदादा को आदित्य देव के रूप में पूजा करते हैं. सर्व पितृ अमावस्या दिन ये तीनों पितरों के प्रतिनिधि होते हैं.