ईडी ने बीती 14 जून को तमिलनाडु सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में गिरफ्तार किया था। बालाजी पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व की अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले उम्मीदवारों से पैसे लिए थे।
मद्रास उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले बीते अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने भी तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को झटका देते हुए बालाजी और उनकी पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी को वैध माना था और ईडी को मंत्री से हिरासत में पूछताछ की मंजूरी दे दी थी। बता दें कि सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी ने उस समय मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। मद्रास हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में ई़डी द्वारा सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था।
सेंथिल बालाजी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
बता दें कि ईडी ने बीती 14 जून को तमिलनाडु सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में गिरफ्तार किया था। बालाजी पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व की अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले उम्मीदवारों से पैसे लिए थे। बालाजी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। इस मामले में ईडी ने बालाजी के ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया था। ईडी द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में सेंथिल बालाजी ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था लेकिन हाईकोर्ट ने बालाजी की गिरफ्तारी को बरकरार रखने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।