नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बायोपिक ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो’ बाद बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बायोपिक ‘मुजीब’ का निर्देशन करने वाले श्याम बेनेगल मानते हैं कि केंद्र सरकार को देश में सिनेमा की पहुंच बढ़ाने पर काम करना चाहिए। श्याम बेनेगल ये भी मानते हैं कि राजनेताओँ के जीवन पर फिल्म बनाना इसलिए मुश्किल होता है क्योंकि ऐसी शख्सियतों के बारे में सबको पहले से पता होता है। बेनेगल ने एक बातचीत में ये राज भी खोला कि फिल्म ‘मुजीब’ बनाने की पहल नरेंद्र मोदी ने की थी।
फिल्म ‘मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ की मेकिंग के अनुभव साझा करते हुए श्याम बेनेगल ने बताते हैं, ‘राजनेताओं पर फिल्म बनाना मुश्किल होता है क्योंकि ऐसे लोगों के बारे ज्यादातर लोगों को पता होता है। जब आप ऐसे विषय पर फिल्म बनाते हैं, तो एक-एक तथ्य का विशेष ध्यान देना पड़ता है। इन तथ्यों को दर्शकों के अलावा उनके परिवार के लोग भी स्वीकार करें, इस बात का भी ध्यान रखना पड़ता है। जब मैंने फिल्म ‘मुजीब’ शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को दिखाई तो पूरी फिल्म देखने के बाद उन्होंने कहीं किसी दृश्य पर कोई आपत्ति नहीं की।’
अपने चाहने वालों के बीच श्याम बाबू के नाम से मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल बताते हैं, ‘जब मैंने शेख मुजीबुर रहमान के बारे में पढ़ना शुरू किया तो उनकी राजनीतिक और पारिवारिक जिंदगी ने मुझे काफी प्रभावित किया। उन्होंने अपनी राजनीतिक और पारिवारिक जिंदगी के बीच सही संतुलन बिठाकर रखा। उनका बहुत ही खुशहाल परिवार था। जब भारतीय राजदूत ने उन्हें आगाह किया कि उन्हें अपने लोगों से ही जान का खतरा है तो उन्हें भरोसा नहीं हुआ। मुजीबुर रहमान को अपने देश के लोगों पर इतना विश्वास था कि उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ कि उनके अपने लोग ही उनकी और उनके परिवार की हत्या की साजिश कर सकते हैं। इन सब बातों ने मुझे यह फिल्म बनाने के लिए काफी प्रेरित किया।’
जब श्याम बेनेगल से पूछा गया कि यदि उनके पास अपने देश के प्रधानमंत्री पर फिल्म बनाने का प्रस्ताव आए तो उनकी किस तरह की तैयारी होगी? श्याम बेनेगल ने कहा, ‘यह निर्भर करता हैं कि किस प्रधानमंत्री पर फिल्म बनानी है। मैने जवाहर लाल नेहरू पर फिल्म बनाई है। लेकिन वह फीचर फिल्म नहीं बल्कि फीचर डाक्यूमेंट्री थी। ‘मुजीब-द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ बनाने का प्रस्ताव मेरे पास बांग्लादेश सरकार की तरफ से आया तो इस फिल्म को बनाने की कोई तैयारी नहीं थी। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुलाकात किसी कार्यक्रम में हुई तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस फिल्म को हम बनाएंगे।’
फिल्म ‘मुजीब-द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ भारत से पहले बांग्लादेश में रिलीज हो चुकी है। श्याम बेनेगल कहते हैं, ‘बांग्लादेश में इस फिल्म को हमने 177 सिनेमाघरों में रिलीज किया था। और, इसके सभी शो हाउसफुल रहे। इस फिल्म को देखने के बाद किसी की तरफ से कोई नेगेटिव रिव्यू नहीं मिला। जहां पर सिनेमाहॉल नहीं है, वहां पर बांग्लादेश सरकार के प्रोजेक्टर लगाकर लोगों को फिल्म दिखा रही है। इसी तरह से भारत में भी सिनेमा को बढ़ावा देना चाहिए। देश में सिनेमा की पहुंच बढ़ाने के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है।’