जुलाई-अगस्त में ही 90 हजार भारतीय छात्रों को अमेरिका का वीजा जारी किया गया है। इसका मतलब ये है कि अमेरिका द्वारा पूरी दुनिया में जारी किए गए कुल छात्र वीजा में से हर चार में एक वीजा भारतीय छात्र को जारी किया गया है।
भारतीयों में अमेरिकी वीजा की जबरदस्त मांग रहती है। इसकी वजह से अमेरिकी वीजा के लिए भारतीयों को लंबा इंतजार करना होता है। यही वजह है कि अमेरिका की सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे भारतीयों को अमेरिकी वीजा जारी करने में तेजी लायी जा सके। इसी पहल के तहत सोमवार को भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी खुद दिल्ली स्थित यूएस मिशन पहुंचे और वहां के कामकाज को देखा।
अमेरिकी दूतावास ने जारी किया बयान
अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर बताया कि अमेरिकी राजदूत सुपर शनिवार को बतौर स्पेशल गेस्ट यूएस मिशन पहुंचे और वीजा आवेदकों की मदद की। अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया पर साझा की एक पोस्ट में लिखा कि ‘नई दिल्ली में हमारी काउंसुलर टीम इस वीकेंड जल्दी काम में जुट गई ताकि अमेरिकी विजीटर वीजा की अभूतपूर्व मांग को पूरा किया जा सके। इस दौरान विशेष मेहमान के तौर पर राजदूत एरिक गार्सेटी ने अतिरिक्त वीजा आवेदकों की मदद की।’
90 हजार छात्रों को जारी किया गया अमेरिकी वीजा
राजदूत एरिक गार्सेटी ने इसे लेकर उत्साह जाहिर किया और कहा कि काउंसुलर टीम के साथ काम करके उन्हें अच्छा लगा। बता दें कि भारतीयों में अमेरिकी वीजा की मांग कितनी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है जुलाई-अगस्त में ही 90 हजार भारतीय छात्रों को अमेरिका का वीजा जारी किया गया है। इसका मतलब ये है कि अमेरिका द्वारा पूरी दुनिया में जारी किए गए कुल छात्र वीजा में से हर चार में एक वीजा भारतीय छात्र को जारी किया गया है।
वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उठाए गए कई कदम
एरिक गार्सेटी ने हाल ही में बताया था कि पहली बार पर्यटक वीजा पर अमेरिका जाने वाले लोगों के लिए वीजा इंटरव्यू 50 प्रतिशत तक कम हो गए हैं। अमेरिका का लक्ष्य है कि साल 2023 में कम से कम 10 लाख वीजा जारी किए जाएंगे। भारत और अमेरिका की सरकारों ने भी वीजा प्रक्रिया का आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों में सहमति बनी कि अमेरिका में एच1बी वीजा पर काम कर रहे भारतीय अमेरिका में रहकर ही एच1बी वीजा को रिन्यू करा सकेंगे।