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आईआईटी बीएचयू का मामला: सड़क पर उतरे 3000 छात्र व शिक्षक,पढिये पूरी ख़बर

आईआईटी बीएचयू कैंपस में बुधवार की देर रात छात्रा से अश्लीलता के बाद ही बीएचयू में प्रदर्शन जारी है। एक तरफ छात्रा को न्याय दिलाने की मांग की जा रही तो दूसरी तरफ आईआईटी और बीएचयू के बीच दीवार बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है।

आईआईटी बीएचयू कैंपस में दीवार बनाए जाने के विवाद के बीच सोमवार को बीएचयू में छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक भी सड़क पर उतर आए। विश्वनाथ मंदिर से मालवीय भवन तक सद्भावना मार्च निकाला। हाथों में महामना की तस्वीर लेकर शिक्षक और छात्र बीएचयू को बंटवारे से बचाने की आवाज बुलंद की और कहा कि महामना की बगिया को विखंडित नहीं होने दिया जाएगा। सभी ने एक ही मांग की कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक है। इसे टूटने नहीं दिया जाएगा।

आईआईटी बीएचयू कैंपस में बुधवार की देर रात छात्रा से अश्लीलता के बाद ही बीएचयू में प्रदर्शन जारी है। एक तरफ छात्रा को न्याय दिलाने की मांग की जा रही तो दूसरी तरफ आईआईटी और बीएचयू के बीच दीवार बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है। अब तक छात्र ही आंदोलन कर रहे थे, लेकिन सोमवार को पूर्व छात्र, शिक्षक और पूर्व कुलपतिअपने हाथों में छात्रों की संस्था हम बीएचयू के बैनर लेकर निकले। बीएचयू का ध्वज लेकर कैंपस में घूमे। इसमें कई पूर्व छात्रनेता भी शामिल रहे हैं।आंदोलन में छात्राओं व महिलाओं ने भी भाग लिया।इस दौरान पूर्व शिक्षकों में प्रो. कौशल किशोर मिश्र, प्रो. एके जोशी, प्रो. आरपी पाठक भी शामिल थे।

विभाजन बर्दाश्त नहीं, महामना के मूल्यों को खंडित नहीं होने देंगे

पूर्व छात्रनेता कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप ने कहा कि सरकार छात्रों के साथ है। बीएचयू का बंटवारा नहीं होने दिया जाएगा। बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद शुक्ला ने कहा कि युवा हमेशा देश को दिशा देने का काम करते हैं। विभाजन बर्दाश्त नहीं है। पूर्व छात्रनेता डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि तानाशाही रवैया वाले प्रशासन को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। छात्रनेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम महामना के मूल्यों को खंडित नहीं होने देंगे। पतंजलि पांडेय ने कहा कि महामना के मूल्यों का रक्षा करना हमारा धर्म है। आशीर्वाद दूबे ने कहा कि बीएचयू को टूटने नहीं दिया जाएगा। चक्रपाणि ओझा और शुभम तिवारी ने कहा कि महामना के मूल्यों को खंडित नहीं होने देंगे। कुलपति और आईआईटी निदेशक को माफी मांगनी चाहिए।

मार्च निकालकर रखी ये मांगें

– छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो, आरोपियों पर कठाेर कार्रवाई हो, परिसर में हर स्थान पर सीसी कैमरे लगें और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो, दीवार के मुद्दे पर जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय स्पष्टीकरण दे और बताए कि दीवार नहीं बनेगी। दीवार बनवाने की घोषणा पर जिला प्रशासन माफी मांगे, आईआईटी बीएचयू को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण में लाया जाए, रात दस बजे के बाद बाहरियों का प्रवेश सीमित किया जाए। अस्पताल से आगे बिना उपयुक्त कारण के वे न जा पाएं, महिला सुरक्षा के लिए अलग से प्रॉक्टोरियल बोर्ड बने, महिला विषयक समिति को सक्रिय किया जाए और यह स्वतः संज्ञान लेकर मामलों को निष्पादित करे, परिसर के आसपास मादक द्रव्यों और शराब ब्रिकी को नियमानुसार प्रतिबंधित किया जाए।