वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र में तीन दिन पूर्व ब्रेड दुकानदार रणविजय सिंह उर्फ पिंटू की खुदकुशी के मामले में आरोपी सट्टा संचालक सौरभ शरण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की जांच में सामने आया कि महादेव बेटिंग एप में एजेंट के तौर पर काम करता था और लोगों के पैसे लगवाता था।
पुलिस ने उसके विभिन्न बैंक खातों के 78 लाख रुपये भी फ्रीज कराए। सट्टा संचालन के तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़ रहे हैं। बुधवार को डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के मड़ौली नई बस्ती निवासी सौरभ शरण के खिलाफ रणविजय सिंह की पत्नी शिल्पी देवी ने तीन दिसंबर को पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया था।
शिल्पी का आरोप है कि सौरभ ने गलत तरीके से पति को सट्टा के दलदल में फंसाया। पति काफी रुपये सट्टा में हार गए, इसके बाद सौरभ आए दिन पति को प्रताड़ित करना शुरू किया। अवसाद में आकर पति ने फंदा लगाकर लटक जान दे दी।
पुलिस के अनुसार लोहता समेत आसपास क्षेत्रों में सौरभ ने कई लोगों को महादेव बेटिंग एप से जोड़ा है। साड़ी गद्दीदार और रियल इस्टेट में निवेश करने वाले समेत कई व्यापारियों के नाम सामने आए हैं।
बाहर से आता था डाटा का लिंक
थाना प्रभारी राजीव सिंह के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में सौरभ ने बताया कि डाटा का लिंक बाहर से आता था। इसका उपयोग करने के बाद वह डिलीट कर देता था। सौरभ ने गिरफ्तारी से पूर्व कई एप और अन्य डाटा को डिलीट कर दिया है। फॉरेंसिक की मदद से अन्य डाटा को रिकवर कराया जाएगा। एप से जुड़े अन्य लोगों की भी तस्दीक कराई जा रही है।छत्तीसगढ़ से कनेक्शन भी खंगाला जा रहा है।
दोना पत्तल का कारोबार सिर्फ दिखावा
लोहता पुलिस के अनुसार मड़ौली निवासी आरोपी सौरभ का मूल काम होटल और लॉन पर दोना पत्तल, गिलास की सप्लाई का है। मगर, वह शार्ट कट से पैसे कमाने के लिए ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ गया। दोना पत्तल का काम सिर्फ दिखावा था।
महादेव बेटिंग एप से की जाती है ऑनलाइन सट्टेबाजी
ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए महादेव बेटिंग एप बनाया गया है। इस पर कार्ड गेम, चांस गेम लाइव खेलते हैं। एप के जरिये क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबाल आदि खेलों में सट्टेबाजी की जाती है। एप संचालन के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड मुहैया कराया जाता है। इसमें छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी रकम लगाई जाती है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी महादेव एप के 500 करोड़ घोटाले मामले में फंस चुके हैं। इस मामले की जांच ईडी जांच कर रही है।