पहलवान बजरंग पूनिया के बाद सासरोली निवासी वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का एलान कर दिया है। उन्होंने इसको लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डाली है। इसमें लिखा है कि मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी के लिए प्रधानमंत्री को पद्मश्री लौटा दूंगा।
मुझे गर्व है आपकी बेटी और अपनी बहन साक्षी मलिक पर…जी क्यों…? पर देश के सबसे उच्च खिलाड़ियों से भी अनुरोध करूंगा वो भी अपना निर्णय दें। अपनी पोस्ट के साथ गूंगा पहलवान ने साक्षी मलिक की पत्रकार वार्ता की फोटो भी शेयर की है। यहां बता दे कि वीरेंद्र सिंह को 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पदमश्री पुरस्कार से नवाजा गया था।
ये है वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान की कहानी
वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान जिले के गांव सासरोली में एक साधारण परिवार में पैदा हुए, लेकिन वीरेंद्र साधारण जीवन जीने के लिए नहीं बने थे। उन्होंने ने जल्दी ही साबित कर दिया। वीरेंद्र सिंह पहलवानी यानी कुश्ती में कई अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं। 2016 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं। वीरेंद्र को लोग ‘गूंगा पहलवान’ के नाम से भी जानते है। वीरेंद्र ने 10 वर्ष की उम्र में मिट्टी के दंगल में पहलवानी के दांव पेंच सीखने शुरू किए।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मेलों में लगने वाले दंगल में सामान्य पहलवानों के साथ कुश्ती करते करते वीरेंद्र ने ये साबित कर दिया कि अपनी कमजोरी को अपनी ताकत में बदलकर भी सफलता हासिल की जा सकती है। आप कह सकते हैं कि जो कुछ सुन नहीं सकता, जो बोल नहीं सकता उसे क्या फर्क पड़ेगा. लेकिन आलोचनाएं, तंज और मजाक बिना सुने भी समझा जा सकता है। वीरेंद्र को भी सब समझ आता था, लेकिन वीरेंद्र ने उनकी परवाह नहीं की और लक्ष्य का पीछा नहीं छोड़ा।