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दिल्ली के फर्स्ट टाइम मतदाताओं में दिखा गजब का उत्साह

युवा मतदाताओं में इस बार वोटिंग का क्रेज दिखा। कई पोलिंग सेंटरों पर लंबी लाइन में युवा अपनी बारी का इंतजार करते रहे। बढ़ते तापमान के बीच उनके चेहरे पर शिकन भी नहीं आई। मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले रिदम रस्तोगी जैसे युवा वोटर कनाडा से सिर्फ मतदान करने के लिए दिल्ली पहुंचे।

लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के फर्स्ट टाइम मतदाताओं में गजब का उत्साह दिखा। कई साल से अपनी आंखों में ढेरों सपने सजाए ये युवा वोट देने योग्य होते ही मतदान केंद्रों तक खिंचे चले आए। पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र के बापरौला माध्यमिक बाल विद्यालय में बने मतदान केंद्र में वोट देने आईं 20 वर्षीय छात्रा चित्रा तिवारी ने बताया कि यह उनका पहला मतदान है। गत एक वर्ष से लोकसभा चुनाव को लेकर बहुत उत्साहित थीं। कहा कि अभी बेंगलुरू में पढ़ रही हूं और विशेषतः मतदान के लिए दिल्ली आई हूं। हालांकि पुरुषों व महिलाओं की एक लाइन से हुई भीड़ ने उन्हें निराश किया।

वहीं, 25 वर्ष पूरे होने के बाद पहली बार मतदान करने आईं रीमा ने बताया कि पिछले कुछ साल में कई बार दिल्ली में उनके घर बदल चुके हैं। इस कारण अभी तक वह एक बार भी मतदान नहीं कर सकीं, जबकि 19 वर्षीय प्रियांशी ने बताया कि वह अपना पहला मतदान राष्ट्रहित में करने आई हैं। वहीं, प्रियांश डागर ने भी मतदान करने योग्य होते ही अपना पहला वोट देश के विकास के लिए डाला। उधर, बीबीए कर रही मुस्कान का मानना है कि उनका पहला वोट उनके इलाके की कूड़े की समस्या को खत्म करने में मददगार साबित होगा।

भीषण गर्मी में युवाओं के चेहरे पर नहीं दिखी कोई शिकन
युवा मतदाताओं में इस बार वोटिंग का क्रेज दिखा। कई पोलिंग सेंटरों पर लंबी लाइन में युवा अपनी बारी का इंतजार करते रहे। बढ़ते तापमान के बीच उनके चेहरे पर शिकन भी नहीं आई। मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले रिदम रस्तोगी जैसे युवा वोटर कनाडा से सिर्फ मतदान करने के लिए दिल्ली पहुंचे। जयंत सिंह की कहानी और भी मजेदार है। दिल्ली की तीनों पार्टियों ने उनको निराश किया है। फिर भी वह सरकार चुनने की अपनी जिम्मेदारी से कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं। बकौल जयंत, वह सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन रोजगार के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है। देश में ऐसी सरकार होनी चाहिए जो रोजगार, स्वास्थ, शिक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान दे, न कि ऐसी सरकार जो केवल अपने आप को सत्ता पर काबिज रखने की ही मशक्कत में लगी रहे। वहीं, पटेल नगर में मतदान करने आए युवा मनमीत सिंह का कहना है कि शहर में प्रदूषण व यातायात जाम एक बड़ी समस्या है और नेताओं को इसकी ओर भी ध्यान देना चाहिए।

छात्रों ने मधुकर बस्ती और नेहरू कैंप में किया जागरूक
नई दिल्ली। जेएनयू एबीवीपी की सचिव शिखा समेत अन्य छात्रों ने कैंपस के अलावा मधुकर बस्ती और नेहरू कैंप में लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया। छात्रों ने बताया कि इन इलाकों में आम मतदाताओं के अलावा घरों, रेहड़ी, दुकानों आदि पर काम करने वाले थे। उन्हें मतदान के प्रति जागरूक किया गया, ताकि वह अपने मत का प्रयोग करके देश के लिए सही नेता का चुनाव करें। मतदान के दिन शनिवार को भी घर-घर जाकर अभियान चलाया गया।

मरीजों को दी वोट डालने की सुविधा : द्वारका स्थित एक निजी अस्पताल ने मरीजों को वोट डालने की सुविधा प्रदान की। अस्पताल के निदेशक विजी वर्घीज के अनुसार, हमारा विश्वास है कि हमारी सीमाएं स्वास्थ्य सेवाओं से बढ़कर हैं। मरीजों को वोट डालने में मदद कर हम न केवल उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं, बल्कि लोकतंत्र में सक्रिय हिस्सा लेने में समर्थ भी बना रहे हैं। हर वोट महत्वपूर्ण है।