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उत्तराखंड: भीषण गर्मी के बीच लोगों को बिजली कटौती से मिलेगी राहत

राज्य में यूजेवीएनएल पांच नए हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। करीब 955 करोड़ सालाना आमदनी भी राज्य की बढ़ जाएगी। प्लांट के लिए प्री टेक्निकल रिपोर्ट आने के बाद निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती से प्रदेशवासियों को राहत मिलने वाली है। अत्याधुनिक तकनीकी से राज्य में बिजली का उत्पादन बढ़ेगा तो वहीं पैदा होने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर करके भी रखा जा सकेगा। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने इनसे जुड़े करीब पांच प्रोजेक्ट पर काम तेज कर दिया है।

पांच पंप स्टोरेज प्लांट लगेंगे, 1018 मेगावाट बिजली मिलेगी
यूजेवीएनएल पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर पंप स्टोरेज प्लांट लगाने जा रहा है। इन प्लांट के लगने से राज्य में बिजली का 1018 मेगावाट उत्पादन बढ़ जाएगा। इछाड़ी (400 मेगावाट), लखवाड़ व्यासी (200 मेगावाट), व्यासी कटापत्थर (150 मेगावाट), कालागढ़ (168 मेगावाट) और मनेरी भाली स्टेज-1(100 मेगावाट) में पंप स्टोरेज प्लांट लगेंगे। इससे राज्य की करीब 955 करोड़ सालाना आमदनी भी बढ़ जाएगी। इन प्लांट के लिए प्री टेक्निकल रिपोर्ट आने के बाद निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

पांच नए हाइड्रो प्रोजेक्ट लगेंगे, 219 मेगावाट बिजली मिलेगी
राज्य में यूजेवीएनएल पांच नए हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। इसमें 120 मेगावाट का सिरकारी भ्यौल रूपसियाबागर, 72 मेगावाट का त्यूणी प्लासु, 24 मेगावाट का भिलंगना 2ए, दो मेगावाट का स्वारिगाड और 1.5 मेगावाट का गुप्तकाशी शामिल है। यूजेवीएनएल इसी साल इनकी निविदा प्रक्रिया पूरी कर लेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में इनका निर्माण शुरू होगा। इससे राज्य को 219.5 मेगावाट बिजली मिलेगी।

तीन मेगावाट बिजली बैटरी में कैद करने का ट्रायल
यूजेवीएनएल अपने तीन पावर प्रोजेक्ट पर तीन मेगावाट बिजली बैटरी स्टोरेज के लिए सिस्टम लगाने जा रहा है। तिलोथ, खटीमा और ढकरानी में 0.8 मेगावाट क्षमता के तीन बैटरी स्टोरेज सिस्टम ट्रायल के तौर पर लगाए जा रहे हैं। इनकी सफलता के बाद राज्य के अन्य पावर प्रोजेक्ट पर भी ये सिस्टम लगाकर बिजली बैंक की जाएगी, जो पीक आवर में इस्तेमाल हो सकेगी।

ग्रीन हाइड्रोजन का पहला प्लांट लगेगा
राज्य में यूजेवीएनएल और टीएचडीसी मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन का पहला प्लांट लगाने जा रहे हैं। यह प्लांट मोहम्मदपुर स्थित जल विद्युत परियोजना पर लगाया जा रहा है। इस पर करीब 30 से 40 करोड़ खर्च आएगा। इससे जहां प्रदूषण घटेगा तो वहीं पानी से पैदा होने वाली ग्रीन हाइड्रोजन उद्योगों को बेचकर राज्य को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

यूजेवीएनएल की ओर से विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए कई नई पहल की जा रही है। इन पर काम काफी आगे बढ़ चुका है। आने वाले समय में यह काफी लाभकारी साबित होने वाली हैं। बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी से भी राहत मिलेगी। – डॉ. संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएनएल