वाराणसी में भीषण गर्मी के चलते लोगों का हाल बेहाल है। अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की कतार लगी है। वहीं दो दिन के भीतर यहां 13 लोगों की गर्मी से जान जा चुकी है।
गर्मी और लू ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए और जानलेवा साबित हो रहा है। गर्मी के कारण पिछले दो दिन में 13 लोगों की मौत हुई है। इसमें आधे से ज्यादा ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। वहीं, शनिवार को भी सात लोगों ने दम तोड़ दिया। शुक्रवार को छह लोगों की मौत हुई थी। इसमें अस्पतालों में पांच और बनारस रेलवे स्टेशन पर दो की मौत हुई।
मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में दो मरीजों की मौत हुई। दो लाेगों की मौत बनारस रेलवे स्टेशन पर और दीन दयाल जिला अस्पताल में शनिवार को तीन लोगों की मौत हुई। सबकी उम्र 40 वर्ष से ज्यादा है। वहीं, गर्मी से मरने वाले जितने भी केस हुए हैं, उसमें ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या ज्यादा है। परिजनों के मुताबिक मृतकों में कई पहले से ब्लड प्रेशर के मरीज रहे हैं।
अस्पतालों की ओपीडी और इमरजेंसी में पिछले एक सप्ताह से मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। इसमें बड़ों के साथ ही बच्चे भी पहुंच रहे हैं, जिनकी तबीयत बिगड़ रही है। डॉक्टरों के अनुसार सबसे अधिक खतरा उन लोगों को हैं, जो पहले से हृदय रोगी हैं और बीपी की दवा चल रही है।
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. पीके सिंह का कहना है कि गर्मी की वजह से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो जाता है। सामान्य तौर पर ओपीडी में भी 50 साल से अधिक उम्र वाले 20 से 30 लोग आ रहे हैं, जिनका ब्लड प्रेशर 150 से अधिक मिल रहा है जबकि स्वस्थ व्यक्ति के लिए यह 130/80 होना चाहिए। गर्मी के इस मौसम में ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में पहले से बीमार लोगों को ज्यादा धूप में बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता कहते हैं कि ओपीडी में बच्चों की संख्या भी 100 के करीब पहुंच जा रही है। इसमें बच्चों की धड़कन तेज चलने, तेज बुखार और डायरिया की समस्या मिल रही है। अभिभावकों को दोपहर में बच्चों को बाहर लेकर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
मंडलीय अस्पताल: ओपीडी खुलते ही लग रही कतार
मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा की इमरजेंसी में पिछले 24 घंटे में दो मरीजों की मौत हुई। ओपीडी की बात करें तो शनिवार की सुबह आठ बजे जैसे ओपीडी पर्चा काउंटर खुला तो लोगों की लाइन लग गई। पहले लाइन में लगकर लोगों ने पर्चा कटवाया फिर ओपीडी में पहुंचे तो यहां भी फिजिशियिन, बाल रोग विभाग के साथ ही हृदय रोग विभाग में भी लाइन लगाकर डॉक्टरों को दिखावाया। एसआईसी डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से हर दिन ओपीडी, इमरजेंसी मिलाकर 1200 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इसमें 300 से 400 लोग उल्टी-दस्त, सिरदर्द, बेहोशी, तेज बुखार, बेचैनी आदि की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
जिला अस्पताल: इमरजेंसी में आए 90 मरीज, तीन की मौत
दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में शनिवार को इमरजेंसी में सुबह से लेकर शाम तक 90 मरीज आए। इसमें किसी को उल्टी-दस्त तो कोई तेज बुखार आने की वजह से चक्कर खाकर गिर गया था। इसके अलावा सांस फूलने, बेचैनी की समस्या वाले मरीज अधिक रहे। यहां तीन लोगों की मौत हो गई। इसमें शिवपुर निवासी नंदलाल मिश्र(45), सारनाथ निवासी दीपक कुमार (52) और पहड़िया निवासी आशीष (45) की तबीयत गर्मी से बिगड़ी थी। हालांकि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का कारण पता चल सकेगा।
यात्री हॉल में बैठे-बैठे लुढ़का बुजुर्ग, मौत
बनारस रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर आठ के यात्री हाॅल में बैठे-बैठे 60 वर्षीय बुजुर्ग लुढ़क गया। यह देख आसपास बैठे यात्री घबरा गए। जीआरपी पहुंची तो देखा बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया था। इसके अलावा प्रयागराज से बनारस आने वाली पैसेंजर ट्रेन जैसे ही बनारस स्टेशन पर रुकी तो तीसरी बोगी में 52 वर्षीय व्यक्ति अचेतावस्था में मिला। उसको स्टेशन पर लाया गया तो उसकी मौत हो गई।