दिल्ली में टैक्सियों की फिटनेस जांच अब झुलसुली से वापस बुराड़ी अथॉरिटी के पास चली गई है। यह काम वाहन निरीक्षण इकाई (VIU) को सौंपा गया है। इस संबंध में दिल्ली परिवहन विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार DL-1Z (डीएल-1जेड) सीरीज के तहत पंजीकृत करीब 35,000 पुरानी और नई टैक्सियों की फिटनेस जांच अब झुलसुली की जगह बुराड़ी में होगी।
इसके अलावा, बुराड़ी केंद्र पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगमों से जुड़े सभी सरकारी वाहनों की फिटनेस जांच भी की जाएगी। जहां झुलसुली केंद्रऑटोमेटेड (स्वचालित) है, वहीं बुराड़ी में जांच मैन्युअल रूप से की जाती है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि झुलसुली केंद्र प्रतिदिन आने वाले लगभग 400 वाहनों का भार संभालने में असमर्थ है। क्योंकि केंद्र पूरी तरह से स्वचालित है और प्रत्येक वाहन को प्रवेश से लेकर निकास तक लगभग ढाई घंटे लगते हैं। नतीजतन, वाहन फिटनेस परीक्षण के लिए वेटिंग टाइम (प्रतीक्षा समय) 22 दिनों तक बढ़ गया।
यह एक बड़ा मुद्दा बन रहा था, खास तौर पर सार्वजनिक सेवा वाहनों के लिए। और इसलिए, कुछ श्रेणियों के वाहनों को अब बुराड़ी में शिप्ट कर दिया गया है, जिससे झुलसुल्ही पर बोझ कम हो गया है। इसके अलावा, यह उल्लेख किया गया कि झुलसुल्ही क्षेत्र में कानून और व्यवस्था के मुद्दे हैं, जो नजफगढ़ से लगभग 12 किलोमीटर दूर है।
झुलसुली में फिटनेस टेस्ट के लिए आने वाली टैक्सियों, बसों और भारी वाहनों से माफिया पैसे वसूलते हैं। इसके चलते दो लाइसेंसिंग अधिकारियों को इस्तीफा देना पड़ा है और परिवहन विभाग ने इन माफियाओं के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। इस स्थिति के कारण झुलसुली में भी इसी तरह की “दलाली संस्कृति” पनप रही है।
बुराड़ी में VIU और ऑटो व्हीकल इंस्पेक्शन ब्रांच (ARU) दोनों ही अब टैक्सियों और ऑटो की फिटनेस जांच कर रहे हैं। बुराड़ी में ये दोनों यूनिट कई सालों से भ्रष्टाचार के केंद्र रहे हैं। कुछ साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अथॉरिटी का औचक निरीक्षण किया था। और परिवहन विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बारे में लोगों की आपबीती सुनी थी।