राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली में रिज क्षेत्र की सुरक्षा व संरक्षण के लिए हो रहे काम की निगरानी के लिए पूर्व में गठित समिति के सदस्यों से जवाब मांगा है। सुनवाई को दौरान अदालत ने इस मामले में अदालत मित्र की दलीलों पर गौर किया। इसके अनुसार दिल्ली सरकार ने अधिसूचना जारी करने के अधिकरण के निर्देश का पालन नहीं किया। यही नहीं, गठित समिति ने भी हर महीने बैठक करने एवं अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट दाखिल नहीं की।
बताते चलें कि अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह तीन महीने के अंदर रिज के उन क्षेत्रों को आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित करे, जिन्हें सरकार रिज का हिस्सा मानती या जानती है। मामले में एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने निगरानी समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया।
निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख 17 फरवरी से कम से कम एक सप्ताह पहले रिपोर्ट दाखिल करे। उसमें अदालत के निर्देश के अनुपालन में उसके द्वारा की गई कार्रवाई का विस्तार से खुलासा हो। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। अदालत ने न्यायमित्र की इस दलील पर गौर किया कि समिति ने अतिक्रमण हटाने के कदमों की निगरानी के संबंध में अदालत के पहले के निर्देशों का पालन नहीं किया।
यही नहीं, हर महीने बैठक भी आयोजित नहीं की। जनवरी 2021 में अधिकरण ने रिज से अतिक्रमण हटाने, बाड़ लगाकर क्षेत्र की सुरक्षा और इसके पुनर्स्थापन के लिए प्रबंधन योजना तैयार करने की प्रगति की निगरानी के लिए ओवरसाइट कमेटी (ओसी) का गठन किया था। समिति में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन महानिदेशक, संबंधित क्षेत्रों के उपायुक्त व दिल्ली पुलिस आयुक्त और भारतीय वन सर्वेक्षण के प्रतिनिधि शामिल थे।
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