कई लोगों को चश्मा लगाना पसंद नहीं आता तो वे कॉन्टैक्ट लेंस लगवाते हैं। ये सुरक्षित और इस्तेमाल में आसान होते हैं। अगर सही तरीके से कॉन्टैक्ट लेंस न लगाया जाए तो उससे ड्राई आइज़ की समस्या हो सकती है और अगर पहले से है, तो उसे ज्यादा बढ़ा सकती है। कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप इससे बचे रह सकते हैं।
कॉन्ट्रैक्ट लेंस और ड्राई आइज के बीच ये है कनेक्शन
कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से ड्राई आइज का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बढ़ती उम्र या एक ही लेंस को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से। ऐसा होने के ये कारण हो सकते हैं:
सही फिटिंग ना होना
बहुत लंबे समय तक या रातभर एक ही कॉन्टैक्ट लेंस पहने रहना
आंखों में किसी प्रकार की एलर्जी
सॉफ्ट लेंस, टियर फिल्म को काफी ज्यादा सोख लेते हैं
हार्ड लेंस आपकी आंखों में घर्षण पैदा करते हैं
कॉर्निया तक सही तरीके से हवा नहीं पहुंच पाती
अगर आप लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इससे आपको कुछ परेशानियां हो सकती हैं, जो निम्न हैं-
चुभन
जलन
रेडनेस
धुंधलापन
रोशनी से सेंसिटिविटी
इस तरह करें बचाव
कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के दौरान डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीकों का पालन करें
लंबे समय तक एक ही पेयर पहनने और रात में सोते समय इसे पहनने से बचें
स्क्रीन देखने का समय कम करें या फिर बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें
डॉक्टर द्वारा बताए गए ल्युब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें
कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ करें
कॉन्टैक्ट लेंस पर कभी पानी ना लगने दें, क्योंकि इससे बैक्टीरिया के हमले का खतरा बढ़ जाता है
अपने कॉन्टैक्ट लेंस के केस या डिब्बी को सॉल्यूशन से साफ करें, पानी से नहीं
जब हो जाए ड्राई आइज की परेशानी
डाई आइज हो जाने पर भी अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहन रहे हैं तो उससे लक्षण और बिगड़ सकते हैं। जब तक यह ठीक नहीं हो जाता, तब तक के लिए चश्मा लगाएं या अपने डॉक्टर से बात करें।