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साय ने अधिकारियों की बैठक में पूंजीगत व्यय व पारदर्शिता पर दिए निर्देश

रायपुर, 1 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभागीय समन्वय और टीम भावना से काम करना जरूरी है।

   मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूंजीगत व्यय में तेजी लाएँ, शासकीय कामकाज पारदर्शी रखें और आम जनता की समस्याओं का त्वरित निराकरण करें। उन्होंने गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य समय पर पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया। बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी स्व-मूल्यांकन कर सुधार लाएँ।

   उन्होंने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली से शासन के कामकाज में पारदर्शिता आई है। अधिकांश विभागों में यह लागू हो चुकी है और शेष विभाग इसे दिसंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से लागू करें। मुख्यमंत्री ने सड़क सुधार, जेम पोर्टल से खरीदी में पारदर्शिता तथा पूंजीगत व्यय से जुड़े कार्यों को समय पर पूरा करने की बात कही।

  श्री साय ने कहा कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति समय पर मिले और टेंडर की प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो।

   उन्होंने एक दिसंबर से मंत्रालय में उप सचिव स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों तक बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे समय पर कार्यालय पहुँचें और अधीनस्थों को भी समयपालन के लिए प्रेरित करें।

   बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव पी.दयानंद, राहुल भगत, ऊर्जा सचिव रोहित यादव सहित सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।