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26 लाख दीपों से जगमगाई रामनगरी,‘दीपोत्सव 2025’ ने रचा विश्व रिकॉर्ड

अयोध्या, 19 अक्टूबर।अयोध्या धाम में इस वर्ष ‘दीपोत्सव-2025’ का आयोजन पहले से कहीं अधिक भव्य और ऐतिहासिक रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में राम की पैड़ी पर मां सरयू की आरती संपन्न हुई। इस दौरान पूरे घाट परिसर में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।

  सरयू तट के 56 घाटों पर कुल 26 लाख 11 हजार से अधिक दीपों को एक साथ प्रज्ज्वलित किया गया — जिससे पूरी रामनगरी सुनहरी रोशनी से नहा उठी। इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम भी मौके पर मौजूद रही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलन के बाद श्रद्धा-भाव से मां सरयू की आरती की और अयोध्यावासियों तथा पूरे देशवासियों को दीपोत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “जब हमने 2017 में अयोध्या धाम में दीपोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया था, तब उद्देश्य सिर्फ पर्व मनाना नहीं था, बल्कि दुनिया को यह दिखाना था कि वास्तव में दीप कैसे जलाए जाते हैं। यह दीप केवल प्रकाश नहीं, बल्कि पाँच शताब्दियों के संघर्ष की परिणति हैं।”

 योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जिन लोगों ने श्रीराम के अस्तित्व को मिथक बताया था और रामभक्तों पर गोलियां चलवाई थीं, आज वही अयोध्या दीपों से जगमगा रही है।

“ये वही स्थान हैं जहाँ कभी गोलियाँ चलती थीं, आज वहाँ दीप जल रहे हैं। अयोध्या अब विकास और विरासत का अद्भुत संगम बन चुकी है,” उन्होंने कहा।

 मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि इस वर्ष पूरे उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 51 लाख दीपों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि प्रदेश का हर कोना रामनाम के प्रकाश से आलोकित हो। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का उत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म की श्रद्धा और रामराज्य के आदर्शों का विश्व-व्यापी संदेश भी है।

कार्यक्रम में रामलला के दरबार का प्रतीकात्मक तिलक लगाकर मुख्यमंत्री ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। उन्होंने संस्कृत श्लोक उद्धृत करते हुए कहा—

“अरुण नयन राजीव सुवेशं। सीता नयन चकोर निशेशं।।
हर हृदि मानस बाल मरालं। नौमि राम उर बाहु विशालं।।
दीपोत्सव की दिव्य आभा से आज अयोध्या धाम से विश्वभर में सनातन संस्कृति की आत्मा का संदेश प्रसारित हो रहा है।”

दीपोत्सव-2025 के इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु, साधु-संत, और देश-विदेश से आए पर्यटक शामिल हुए। पूरा अयोध्या धाम दीपों की पंक्तियों से जगमगा उठा — सरयू के जल में झिलमिलाते दीपकों की छटा ने ‘त्रेतायुग’ की अनुभूति करा दी।