हरिद्वार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। वहीं, ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान करना शुरू कर दिया। भरी ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में पड़ने वाले स्नान पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर स्नान के लिए आते हैं।
लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मेला क्षेत्र को 11 जोन और 36 सेक्टरों में बांटा गया है। हरकी पैड़ी से लेकर बाहरी पार्किंग क्षेत्रों तक पुलिस ने सुरक्षा और यातायात की कड़ी व्यवस्था की है।
घाटों पर जल पुलिस की छह टीमें तैनात हैं, ताकि किसी भी डूबने की घटना को रोका जा सके। वहीं बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वायड और अभिसूचना इकाई के अधिकारी संवेदनशील स्थानों पर लगातार गश्त कर रहे हैं।
स्नान पर्व के दौरान हरकी पैड़ी और अन्य घाटों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। महिला घाटों पर महिला पुलिस कर्मियों की विशेष तैनाती की गई है।
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