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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू: सख्त निगरानी और टोकन व्यवस्था लागू

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी आज 15 नवंबर से शुरू हो गया है। सरकार के तय कैलेंडर के अनुसार खरीदी प्रक्रिया की शुरुआत होते ही राज्य भर के केंद्रों में गतिविधि बढ़ गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया पर खरीदी केंद्रों की तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों के भरोसे और उम्मीद के साथ इस बार की खरीदी सुचारू रूप से आगे बढ़ाई जाएगी।

सीएम विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि आज भोर की सुनहरी किरणों के साथ छत्तीसगढ़ की धरती पर फिर शुरुआत हुई है छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की । यह धान खरीदी किसान भाइयों की मेहनत और सरकार पर उनके विश्वास का उत्सव है।

छत्तीसगढ़ की आत्मा हमारे किसान हैं। उनकी मेहनत को सम्मान देने के लिए 15 नवंबर से पूरे प्रदेश में धान खरीदी व्यवस्थित, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से शुरू की जा रही है। मैंने सभी ज़िलों में आधारभूत व्यवस्थाएँ समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि हर किसान बिना किसी परेशानी के अपना धान विक्रय कर सके।

तुँहर टोकन एप, जीपीएस आधारित परिवहन, सतर्क एप, कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर और पारदर्शी सिस्टम…हर स्तर पर तकनीक, पारदर्शिता और किसान-हित ही हमारी प्राथमिकता है।हर कदम पर एक ही संकल्प है: किसान को सुविधा, सम्मान से खरीदी और समय पर भुगतान। छत्तीसगढ़ की समृद्धि का यह सफर आज फिर एक नई उम्मीद और किसानों के अटूट विश्वास की रोशनी के साथ आगे बढ़ रहा है।

राज्य में 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदा जाएगा। किसानों को सप्ताह के पाँच दिन—सोमवार से शुक्रवार—केंद्रों में धान बेचने की अनुमति होगी। इस सीजन में भी समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। खरीदी संचालन के लिए पूरे प्रदेश में 2739 केंद्र बनाए गए हैं और सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान उठाव का लक्ष्य तय किया है।

सरकार ने अवैध खरीद–फरोख्त पर भी निगरानी कड़ी कर दी है। प्रदेश की सीमाओं पर चेक पोस्ट सक्रिय कर दिए गए हैं ताकि दूसरे राज्यों से अनियमित परिवहन न हो सके। खरीदी केंद्रों में सुरक्षा और रखरखाव के लिए ड्रेनेज, तिरपाल और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रशासन ने साफ किया है कि धान की अवैध बिक्री या परिवहन पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

पंजीकृत किसानों के लिए इस बार भी तुंहर टोकन ऐप अनिवार्य रहेगा। किसान घर बैठे ऐप से तय तारीख के लिए टोकन ले सकते हैं। जो किसान मोबाइल ऐप का उपयोग नहीं कर पा रहे, उनके लिए मंडी स्तर पर टोकन जारी करने की व्यवस्था रखी गई है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किसान को टोकन या रजिस्ट्रेशन से जुड़ी समस्या न हो।

टोकन की संख्या जमीन के रकबे के अनुसार तय की गई है। दो एकड़ तक के किसानों को एक टोकन दिया जाएगा, दो से दस एकड़ वाले किसानों को दो टोकन और दस एकड़ से अधिक रकबे वाले किसानों को अधिकतम तीन टोकन मिलेंगे। ऐप से रोज़ाना सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक टोकन प्राप्त किए जा सकेंगे।