श्रीहरिकोटा 21 जुलाई।भारतीय मिशन चन्द्रयान-2 के प्रक्षेपण की तैयारी अंतिम चरण में है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के अनुसार यहां के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से कल दोपहर बाद दो बजकर 43 मिनट पर इसे जीएसएलवी-मार्क-3 रॉकेट से भेजा जाएगा। उल्टी गिनती आज शाम शुरू होगी। 640 टन भार ले जाने में सक्षम यह रॉकेट चंद्रयान-2 को पृथ्वी की वलयाकार कक्षा में लेकर जाएगा।
संगठन के अनुसार चंद्रयान-2, तेईस दिन तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसके बाद यह पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा। प्रक्षेपण के 30वें दिन यह चंद्रमा की कक्षा में पहुंच जाएगा, उसके बाद 13 दिन तक यह चंद्रमा की परिक्रमा करेगा।
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम 43वें दिन ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। उसके बाद यह धीमी गति से चंद्रमा के निकट पहुंचेगा।48वें दिन यानी 7 सितम्बर को इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की आशा है।
ज्ञातव्य है कि चन्द्रयान-2, 15 जुलाई की सुबह प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन प्रक्षेपण यान के क्रायोजेनिक हिस्से में गड़बड़ी का पता लगने के बाद इसका प्रक्षेपण टालना पड़ा। इस खराबी को दूर करने के बाद अब इसे कल प्रक्षेपित किया जाएगा। उड़ान की अवधि 54 दिन से घटा कर 48 दिन कर दी गई है। ये यान चंद्रमा पर पूर्व निर्धारित तारीख पर ही पहुंचेगा।इसरो ने बहुत कम समय में खराबी को दूर करके मिशन की विश्वसनीयता बरकरार रखी है। मिशन की सफलता के बाद, भारत चन्द्रमा की सतह पर उतरने वाला चौथा देश हो जाएगा।
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