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विश्व नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की मोदी ने की अपील

न्यूयार्क 27 सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने विश्‍व के नेताओं से मानवता की खातिर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने को कहा है।

श्री मोदी ने आज संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74 वें अधिवेशन को सम्‍बोधित करते हुए  कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और विश्‍व को इसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए।उन्होने कहा कि..आतंक के नाम पर बटीं हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है,जिनके आधार पर यूएन का जन्‍म हुआ है और इसलिए मानवता के खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्‍व का एक मत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं..।

उऩ्होने कहा कि आतंकवाद पर बटा हुआ विश्‍व संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍थापना के मुख्‍य उद्देश्‍य को नुकसान पहुंचाता है, क्‍योंकि इसकी स्‍थापना ही हर तरह के आतंकवाद को समाप्‍त करने के लिए हुई थी। उन्‍होंने कहा कि शांति और सदभाव समय की जरूरत है। उन्‍होंने शिकागो में स्‍वामी विवेकानंद के कहे शब्‍दों को याद किया, जब उन्‍होंने विश्‍व समुदाय से मतभेदों को भुलाने की अपील की थी।

श्री मोदी ने कहा कि..यूएन पीस कीपींग मिशन्‍स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है तो वो देश, भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है और इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी..।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि बुद्ध दिया है।विश्‍व के मामलों में नयी दिशा प्रदान करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र से मांग करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बहु पक्षवाद और सामूहिक जिम्‍मेदारी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।श्री मोदी ने कहा कि जन भागीदारी से जन कल्‍याण के भारत के नारे को अब जन कल्‍याण से जग कल्‍याण का रूप दिया गया है।

श्री मोदी ने अपने 18 मिनट के सम्‍बोधन के दौरान तालियों की गड़गडाहट के बीच कहा कि जलवायु परिवर्तन पर भारत की भूमिका बहुत छोटी है, लेकिन ग्‍लोबल वार्मिंग को कम करने में भारत की भूमिका बहुत बड़ी है। उन्होने कहा कि..अगर इतिहास और पर कैपिटा एम्मिशन के नजरिए से देखें तो ग्‍लोबल वार्मिंग में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है। लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है..।