रायपुर 11 जुलाई।प्रवासी मजदूरों के लिए नीति पर विचार के लिए स्वयंसेवी संगठन नेशनल फाउन्डेशन फार इंडिया एवं साक्रेट्स के संयुक्त तत्वाधान में कल से यहां चार दिवसीय चौपाल शुरू हो रहा है।
इस कार्यक्रम में प्रवासी मजदूर जज(ज्यूरी) की भूमिका में होंगे,जबकि सरकार ,बाजार,उद्योग,सिविल सोसाइटी आदि के प्रतिनिधि उनके सामने यह दलील पेश करेंगे कि उनके लिए जो नीतियां बनाई गई है,वो क्यों और उनके किस हित को साधने के लिए बनी है।ऐसा करने के पीछे उनकी दृष्टिकोण क्या रहा है।इस कार्यक्रम में केन्द्रीय नीति आयोग एवं छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे।
आयोजकों के अनुसार इस सोच को मूर्त रूप देने के लिए छत्तीसगढ़ में..जनता का फैसला..एक ऐसा मंच तैयार किया गया है,जहां प्रवासी मजदूर ही जज(ज्यूरी) की भूमिका में होंगे।राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ उन्हे अपनी बात रखने में मदद करेंगे।नीति निर्धारक,सरकार,समाज,उद्योग एवं बाजार के प्रतिनिधियों की दलीले सुनने के बाद अपने हित के लिए नीति निर्माण के लिए ज्यूरी सिफारिश करेंगी।ज्यूरी की सिफारिशों को नीति आयोग एवं राज्यों की नीतियों में शामिल करवाने का इसके बाद प्रयास होंगा।
जनता का फैसला कार्यक्रम में जिन प्रमुख विषयों पर चर्चा होंगी उनमें प्रवासी मजदूरों के रहवास क्षेत्र में काम,सुरक्षा,राशन-पानी,शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की क्या व्यवस्था हो सकती हैं,क्या उऩके लिए सामाजिक सुरक्षा एवं आवासीय योजना का लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है।इस प्रकार के कई अहम सवालों के हल ढूढ़ने की कोशिश की जायेंगी।
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