रायपुर 07 अप्रैल।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्रों में मेसा कानून लागू करने का अनुरोध किया हैं।
सुश्री उइके ने आज नई दिल्ली में श्री मोदी से मुलाकात के दौरान यह मांग की।उन्होने कहा कि मेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पेसा कानून के संबंध में नियम बनाने के संबंध में चर्चा की। चर्चा के दौरान राज्यपाल ने श्री मोदी को जनजातियों की समस्याओं से अवगत कराया। सुश्री उइके ने प्रधानमंत्री को जनजातियों के जाति नाम में मात्रात्मक त्रुटियों से अवगत कराते हुए कहा कि इससे पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। राज्यपाल ने इस विषय पर जल्द निर्णय लेने का भी अनुरोध किया।
राज्यपाल ने श्री मोदी से अनुरोध किया कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में स्थित विश्वविद्यालयों को केंद्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत किया जाय जिससे यहां के जनजातीय समुदायों को लाभ मिल सके। चर्चा के दौरान सुश्री उइके ने बताया कि इन क्षेत्रों की जनजातियों की कला संस्कृति को भी संरक्षित करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने अनुरोध किया कि इन जनजातियों पर शोध कर उनका दस्तावेजीकरण किया जाय जिससे इनकी संस्कृति की पहचान पूरे देश में हो सके।
बस्तर और सरगुजा संभाग में निवासरत् जनजातियों के समुचित विकास के लिए राज्यपाल सुश्री उइके ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से विशेष पैकेज देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज मिलने से इन क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विस्तार होगा, युवाओं को रोजगार मिलेगा और जनजातिय समुदाय का और बेहतर विकास हो सकेगा।
राज्यपाल ने उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के चार जिलों चन्दौली, कुशीनगर, संत कबीरनगर, संत रविदास नगर को जनजाति जिलों में शामिल करने पर श्री मोदी को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने प्रधानमंत्री को प्रतीक चिन्ह और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।