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शिक्षा के जरिए समाज में सहिष्णुता-सौहार्द्र जैसी भावनाओं का होता है विकास-उइके

रायपुर, 21 मई।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि हमारी शिक्षा ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। शिक्षा और संस्कार से निर्मित व्यवहार का ही परिणाम है कि व्यक्ति अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर पाता है।

सुश्री उइके ने आज दैनिक भास्कर समूह के ‘शिक्षा सम्मान’ समारोह में प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों, तकनीकी-गैर तकनीकी संस्थानों तथा कोचिंग संस्थान सहित कुल 38 शैक्षणिक इकाईयों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित करते हुए कहा कि गुरुओं के मार्गदर्शन और शिक्षण संस्थानों के प्रयास न केवल समाज को मार्गदर्शित करती है बल्कि देश का भविष्य तय करती है।

उन्होने कहा कि शिक्षा सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। हम अपने जीवन में शिक्षा के महत्व को नजरअंदाज नहीं कर सकते। उचित शिक्षा हमें व्यक्तिगत और सामाजिक मानकों को बनाए रखने में मदद करती है। इसलिए आधुनिक शिक्षा पद्धति में विज्ञान के साथ-साथ सामाजिक विज्ञान का समावेश और सामंजस्य होना बेहद आवश्यक है।

सुश्री उइके ने कहा कि हमारे देश में गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, श्री अरविन्दो, डॉ. राधाकृष्णन, डॉ. अबुल कलाम आजाद जैसे महान् शिक्षाविद् रहे हैं, जिन्होंने शिक्षकों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।  सभी शिक्षण संस्थाएं इस दिशा में कार्य करते हुए समाज के युवाओं को मार्गदर्शित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा कि देश के विद्यार्थी ही हमारा भविष्य हैं तथा उनकी मौलिकता, कल्पनाशीलता ही हमारी अनमोल संपदा है। उनके जीवन को गढ़ने का महत्वपूर्ण दायित्व शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों पर है।