माले 04 फरवरी।मॉलदीव में जारी भारी संकट के बीच सरकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की बर्खास्तगी का कोई अधिकार नहीं है।
एटॉर्नी जनरल, पुलिस और सेना प्रमुखों ने संयुक्त सम्मेलन में कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की जानकारी है जिसमें राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने को कहा गया है, लेकिन पुलिस और सेना इसे स्वीकार नहीं करेगी।
मालदीव सरकार जहां न्यायालय सहित सभी विरोधियों के हौंसले पस्त करने के फिराक में है, वहीं विपक्षी दल भी सत्ता संघर्ष को उसके अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नासीर ने एक टेलीविजन चैनल पर उद्भाषण में लोगों को बाहर निकलकर राष्ट्रपति और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी का आह्वान किया है।
नासीर के भाषण के कुछ ही समय बाद सरकार ने टेलीविजन चैनल पर पाबंदी लगा दी है और कई अन्य स्वतंत्र संस्थानों पर नकेल कसी जा रही है।इस कशमश का नतीजा चाहे जो भी हो, इसका मुख्य शिकार मालदीव की प्रजातांत्रिक प्रणाली होगी, जो सिर्फ दस वर्ष पुरानी है, लेकिन ऐसे कई सत्ता संघर्ष का शिकार बनी है।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India