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कांग्रेस सरकार का कार्यकाल युवाओं के लिए स्वर्णिम काल -दीपक बैज

रायपुर 30 जुलाई।छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के व्यवहारिक निर्णयों से राज्य में गत साढ़े चार वर्षों में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिले हैं।

   श्री बैज ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इस दौरान ना केवल स्थाई और नियमित सरकारी नौकरी के अवसर मिले हैं बल्कि नई औद्योगिक नीति 2019 से 2024 के माध्यम से निजी क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। यही कारण है कि डा.रमन सिंह के समय छत्तीसगढ़ में जो बेरोजगारी दर सितंबर 18 में 20.2 प्रतिशत थी वह वर्तमान में घटकर 1 प्रतिशत से भी कम है। गत 10 माह से लगातर छत्तीसगढ़ देशभर में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है।

   उन्होने कहा कि मनरेगा के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने वाला राज्य देश में यदि कहीं कोई है तो वह छत्तीसगढ़ हैं। वनोपज का संग्रहण लगभग 600 गुना बढ़ा है। इसकी कुल खरीदी का 74 प्रतिशत अनुपात संग्रहण केवल छत्तीसगढ़ में हो रहा है। 12 लाख़ वनोपज संघ ग्राहकों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाया जा रहा है ना केवल संग्रहण बल्कि वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग का लाभ भी स्थानीय समूह को दिया जा रहा है और उपज के दाम में भी वृद्धि हुई है। तेंदूपत्ता 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. प्रति मानक बोरा खरीदी हो रही है। गोधन योजना के माध्यम से 400 करोड़ का भुगतान गौठान समिति और गोपालकों को किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वालों की संख्या वर्तमान में लगभग 26 लाख है जो पूर्ववर्ती सरकार के समय केवल 12 लाख़ थी, अर्थात 14 लाख नये पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है।

   श्री बैज ने कहा कि गत 4 वर्षों से कर्मचारी भविष्य निधि में कुल सदस्य संख्या में हर साल लगभग डेढ़ से 2 लाख़ नए सदस्यों की वृद्धि हुई है, अर्थात् विगत 4 वर्षों मे लगभग साढ़े 6 लाख़ नए रोज़गार निजी क्षेत्रों में मिले हैं। दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार में नए रोजगार तो दूर लगभग 23 करोड़ हाथों से रोजगार छीनने का काम मोदी सरकार ने किया है। युवाओं की लगी लगाई नौकरी खा गए। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या जो 2014 में 40 करोड़ थी वह केंद्र सरकार के आंकड़ों में है 81 करोड़ हो गई है।

      उन्होने कहा कि देश में आम जनगणना हर 10 वर्ष में कराने की परंपरा रही है लेकिन मोदी सरकार दुर्भावनापूर्वक अपनी नाकामी छुपाने आंकड़े उजागर नहीं होने देना  चाहती है। यही कारण है कि एनएसएसओ जो केंद्र सरकार के जैसी है उसके द्वारा विगत 8 वर्षों से किसी भी तरह के बेरोजगारी और महंगाई को लेकर आंकड़े जारी ही नहीं किए जा रहे। हकीकत यह है कि मोदी राज में यदि किसी का विकास हुआ है तो वह महंगाई का विकास है, बेरोजगारी का विकास है, अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती असमानता का विकास है।