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मुख्य न्यायाधीश ने बाल संप्रेक्षण गृह में सफाई व्यवस्था पर जताई नाराजगी

बिलासपुर 19 अगस्त।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आज शहर के किशोर न्याय बोर्ड, ऑब्जरवेशन होम प्लेस ऑफ सेफ्टी एवं बालिका गृह का औचक निरीक्षण कर वहां साफ-सफाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की।

   श्री सिन्हा ने बिल्डिंग की दीवालों में सीपेज एवं छत से पानी टपकते हुए पाया गया। वहां उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि बिल्डिंग काफी पुरानी लगभग सन् 1985 में बनी हुई है। इसके संबंध में उचित सुधार कार्य करने हेतु उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। न्यायमूर्ति ने रसोई घर का निरीक्षण भी किया। वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर  संजीव कुमार झा एवं निगम कमिश्नर कुनाल दुदावत ने मुख्य न्यायाधीश को आश्वस्त किया कि जल्द से जल्द उचित मरम्मत का कार्य उनके द्वारा करा लिया जायेगा।

  मुख्य न्यायाधीश ने वहां उपस्थित बच्चों से चर्चा कर उनकी समस्या जानने का प्रयास भी किया गया एवं उनको मिलने वाली चिकित्सा सुविधा की जानकारी ली गई। वहां पर उपस्थित अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि कम्पाउण्डर की ड्यूटी प्रतिदिन की है। परंतु चिकित्सक सप्ताह में एक बार ही आते हैं। श्री सिन्हा के द्वारा चिकित्सक को प्रतिदिन 1 से 2 घंटे उपस्थित रहना सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।मुख्य न्यायाधिपति द्वारा चिल्ड्रन सेफ्टी होम एवं स्पेशल होम का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान चिल्ड्रन सेफ्टी होम एवं स्पेशल होम में अच्छी आधारभूत संरचना एवं समुचित साफ-सफाई पायी गई। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी ही साफ-सफाई, ऑब्जरवेशन होम में भी होनी चाहिए।

 इसके बाद मुख्य न्यायाधिपति ने शासकीय बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। बालिका गृह की अधीक्षक श्रीमती ज्योति तिवारी के द्वारा बताया गया कि यहां वर्तमान में 34 बालिकाएं रहती हैं। उनके पढ़ाई-लिखाई के संबंध में मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उपस्थित बच्चों से चर्चा की गई। इस अवसर पर कलेक्टर संजीव कुमार झा की पहल पर न्यायाधिपति श्री सिन्हा के हाथों से वहां उपस्थित एक छोटी बालिका को लैपटॉप भी प्रदान किया गया।