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विश्वविद्यालयों के अस्तित्व के लिए नये-नये क्षेत्रों में रिसर्च जरूरी – हरिचंदन

बिलासपुर, 18 जनवरी।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा हैं कि विश्वविद्यालयों के अस्तित्व के लिए नये-नये क्षेत्रों में रिसर्च जरूरी हैं। नये-नये अनुसंधान एवं नवाचारों के माध्यम से नये ज्ञान का सृजन करना इनका महत्वपूर्ण काम है।

    श्री हरिचंदन ने आज यहां केन्द्रीय गुरू घासीदास विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ मध्य क्षेत्र द्वारा आयोजित कुलपतियों के दो दिवसीय समागम का शुभारंभ करते हुए कहा कि  विश्वविद्यालय सच्चे इंसान गढ़ने की फैक्टरी एवं प्रमुख केन्द्र हैं। विश्वविद्यालय के स्वयं के अस्तित्व के साथ-साथ देश दुनिया की निरंतरता के लिए भी नित नये अनुसंधान किया जाना अनिवार्य माना गया है। उन्होंने कहा कि कि भारतीय उच्च शिक्षा के प्रमुख संस्थानों ने अनुसंधान के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन इसमें और बहुत कुछ किये जाने की संभावना है।

    उन्होने कहा कि देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने और एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने के लिए भारत सरकार ने एक ‘स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान‘ लॉन्च किया है जो मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को हैंडहोल्डिंग फंडिंग और इनक्यूबेशन के माध्यम से सहायता प्रदान करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 रिपोर्ट में भी अनुसंधान और नवाचार पर पर्याप्त जोर दिया गया है। विश्वविद्यालयों को उद्योगों, सरकार और अन्य हितधारकों के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए।

  राज्यपाल ने इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘यूनिवर्सिटीस न्यूज‘ के विशेषांक का विमोचन भी किया। शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष जीडी शर्मा ने की एवं विशेष अतिथि के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सचिव अतुल कोठारी उपस्थित थे। समागम में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उप्र, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं शिक्षाविद् बड़ी संख्या में शामिल हुए।