नई दिल्ली 19मई।उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र को राज्यों के परामर्श से मनरेगा के तहत श्रमिकों की मजदूरी और मुआवजे के भुगतान के लिए समयबद्ध अनिवार्य कार्यक्रम तत्काल तैयार करने को कहा है।
न्यायमूर्ति एम.बी. लोकुर और न्यायमूर्ति एन.वी. रमन की खंडपीठ ने कल यह स्पष्ट करते हुए निर्देश दिया कि मनरेगा और इसकी अनुसूची दो के तहत किसी भी श्रमिक का भुगतान काम पूरा होने के 15 दिन में हो जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह मुआवजे का हकदार है।