भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीएए लोकसभा चुनाव से पहले देश में लागू हो जाएगा। विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि इस कानून से किसी की नागरिकता छीन ली जाएगी। उन्होंने कहा कि ये नागरिकता देने का कानून है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कोलकाता में कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) लागू हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि इससे किसी की नागरिकता छीन ली जाएगी। लेकिन, यह तो नागरिकता देने का कानून है।
न्यूज एजेंसी से बातचीत में चौहान ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि सीएए को लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर दिया जाएगा। इस कानून को लागू करना वक्त की आवश्यकता है। यह कई बार स्पष्ट किया जा चुका है कि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। यह तो उन भाइयों और बहनों को नागरिकता देगा, जिन्हें पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर भेदभाव और ज्यादती झेलनी पड़ी है। इससे पहले यह खबरें आई थीं कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से काफी पहले ही इस कानून के नियमों को नोटिफाई कर दिया जाएगा।
क्या है सीएए?
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2019 में सीएए को संसद में पारित किया था। इसका उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत आने वाले गैर-मुस्लिमों यानी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाइयों को भारतीय नागरिकता देना है। पिछले लोकसभा और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों से पहले सीएए को लागू करना एक बड़ा चुनावी मुद्दा साबित हुआ था और इसका लाभ भी भाजपा को मिला था।
चौहान का दावा- बंगाल में 35+ सीटें जीतेंगे
चौहान को पश्चिम बंगाल में कोलकाता जिले में हावड़ा क्लस्टर की दो लोकसभा सीटों की संगठनात्मक तैयारियों की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा इस बार राज्य की 35 लोकसभा सीटों को हासिल करने के लक्ष्य को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में कट, कमीशन और करप्शन का शासन चल रहा है। राज्य के लोग तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से तंग आ चुके हैं। पिछली बार हमने दो से 18 सीटों का सफर तय किया था। इस बार हमें पूरा भरोसा है कि पश्चिम बंगाल में हम 35 से अधिक सीटें जीतने जा रही है। 2019 के चुनावों में टीएमसी ने 22, भाजपा ने 18 और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थी।
संदेशखली के अन्याय पर कांग्रेस चुप क्यों?
शिवराज ने संदेशखली में हुए दंगों को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर हमले बोले। उन्होंने कहा कि संदेशखली में जो हुआ वह हाड़ कंपाने वाला है। राज्य सरकार ने यह सब होने दिया। उधर, संदेशखली में लगातार छठे दिन भी प्रदर्शन होते रहे। बड़ी संख्या में महिलाओं ने सड़क पर उतरकर सरकार का विरोध किया। उन्होंने तृणमूल नेता शेख शाहजहां और उनकी कथित गैंग को गिरफ्तार करने की मांग की। उन पर जबरन जमीनों पर कब्जे करने और महिलाओं को यौन प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। शिवराज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मुझे तो यह समझ नहीं आता कि इस मुद्दे पर कांग्रेस चुप क्यों है। कांग्रेस न्याय यात्रा निकाल रही है। संदेशखली में हो रहे अन्याय पर चुप क्यों है? यह कांग्रेस के दोहरे मापदंड दिखाता है और अब उसकी पोल खुल गई है।
इंडिया गठबंधन पर बोला हमला
इंडिया गठबंधन में पड़ी रार को लेकर भी शिवराज ने कांग्रेस का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के दो दल एनडीए में आ चुके हैं। शिवराज ने कहा कि इंडिया गठबंधन ऐसी पार्टियों का गठबंधन है, जिनकी विचारधारा मेल नहीं खाती है। इस वजह से यह टूट तो होनी ही थी। लोग कांग्रेस या उसके इंडिया गठबंधन पर भरोसा क्यों करें? उनकी विचारधारा को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं है। यह ताश के पत्तों की तरह बिखर गया है और उनके साथी दल ही उन्हें छोड़कर जा रहे हैं। उनका आशय जेडी(यू) और आरएलडी की ओर था, जो पहले ही भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो चुके हैं। शिवराज ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस को 40 सीटें जीतने की चुनौती दी है। इस देश के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दस साल में देश में हुए विकास पर भरोसा करते हैं। पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। कांग्रेस ने इससे पहले सीपीआई (एम) के साथ मिलकर तृणमूल और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तृणमूल ने हाल ही में घोषणा की है कि वह लोकसभा चुनावों में अकेले ही उतरेगी।
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