लोकसभा चुनाव की मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी। चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारियों व सभी प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए 27 ऑब्जर्वर तैनात किए हैं।
उत्तराखंड के 47,72,484 मतदाताओं के मन की बात मंगलवार को ईवीएम से बाहर निकलकर 55 प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला करेगी। सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। सबसे पहले अल्मोड़ा, नैनीताल और टिहरी लोकसभा सीटों के परिणाम आने की संभावना है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय जोगदंडे ने सोमवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में बताया, लोकसभा चुनाव की मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी। आरओ मुख्यालय देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल और अल्मोड़ा में सुबह आठ बजे से पहले पोस्टल बैलेट की गणना शुरू होगी और साढ़े आठ बजे से ईवीएम की गणना शुरू होगी।
वहीं, बाकी आठ जिलों टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ में जिला मुख्यालयों पर सुबह आठ बजे से ईवीएम के वोटों की गणना शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया, सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों उनके एजेंट व पार्टी पदाधिकारियों को स्ट्रांग रूम खोलते समय उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।
बताया, चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारियों व सभी प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए 27 ऑब्जर्वर तैनात किए हैं। सभी ऑब्जर्वर अपने-अपने जिलों में पहुंच चुके हैं। स्ट्रांग रूम को खोलते समय सभी प्रक्रियाओं की वीडियोग्राफी की जाएगी। दोपहर दो बजे तक हार-जीत के रुझान साफ हो जाएंगे। टिहरी, अल्मोड़ा व नैनीताल सीटों के नतीजे पहले आने का अनुमान है। हरिद्वार व गढ़वाल के नतीजे तीन बजे तक आ जाएंगे।
काउंटिंग सेंटर के लिए स्पेशल मजिस्ट्रेट
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, प्रदेश में ईवीएम मतगणना के लिए 884 टेबल लगाई गई हैं। एक विधानसभा में अधिकतम 14 टेबल काउंटिंग के लिए रखी हैं। सभी जिलों में टेबल की अलग-अलग संख्या हो सकती है। प्रत्येक टेबल पर तीन कार्मिक तैनात किए गए हैं, जिसमें एक काउंटिंग सुपरवाइजर, काउंटिंग असिस्टेंट और माइक्रो आब्जर्वर होंगे। इसके अलावा रिजर्व में 120 कार्मिकों की तैनाती भी की गई है। मतगणना स्थल पर विद्युत, पेयजल, खानपान एवं लॉ एंड ऑर्डर के लिए विशेष अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। काउंटिंग सेंटर के लिए स्पेशल मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गई है।
काउंटिंग सेंटर के भीतर मोबाइल प्रतिबंधित
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, काउंटिंग सेंटर में सुरक्षा की दृष्टि से तीन घेरों में सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें सबसे अंदर घेरे में सीआरपीएफ, दूसरे घेरे में राज्य सशस्त्र पुलिस बल और तीसरे घेरे में राज्य पुलिस होगी। किसी भी व्यक्ति को तीसरे घेरे के आगे वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सभी आने वाले व्यक्तियों, अधिकारियों, कार्मिकों को डीओ या आरओ की ओर से जारी पहचानपत्र पर ही प्रवेश मिलेगा। प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त काउंटिंग एजेंट फार्म-18 में दिए गए नियुक्तिपत्र एवं पहचानपत्र संग प्रवेश कर सकते हैं। काउंटिंग सेंटर पर किसी भी व्यक्ति को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी, जिसके लिए अलग से मोबाइल डिपॉजिट सेंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने पर सख्त रोक है।
पांच वीवीपैट मशीनों की पर्चियों की गणना
प्रत्येक विधानसभा में पांच रैंडम सेलेक्टेड वीवीपैट मशीन के अंदर पर्चियों की काउंटिंग की जाएगी। इसके बाद उसे ईवीएम में प्राप्त मतों के साथ टैली किया जाएगा।