पीएम नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे शपथ ग्रहण को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने रविवार से दो दिन (9 व 10 जून) तक राष्ट्रीय राजधानी को उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र (नो फ्लाइंग जोन) घोषित किया है। इस दौरान पैराग्लाइडर, पैरा- मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, हॉट एयर बलून, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट और रिमोट से संचालित विमानों की उड़ान पर प्रतिबंध रहेगा। लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने निषेधाज्ञा आदेश जारी करते हुए बताया कि ऐसी सूचना है कि भारत विरोधी कुछ आपराधिक, असामाजिक तत्व या आतंकवादी आम जनता, गणमान्य व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने के साथ इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के पास ड्रोन और लेजर बीम गतिविधियों को रोकने के लिए भी निषेधाज्ञा लागू की गई है। बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस व सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। किसी भी अनधिकृत वाहन को सुरक्षा क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए गहन जांच की जा रही है। 0
तीन स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम
- आंतरिक परिधि : राष्ट्रपति भवन और कर्तव्य पथ के आसपास का उच्च सुरक्षा क्षेत्र। शपथ समारोह यहीं होगा।
- बाहरी परिधि : उन होटलों के आसपास सुरक्षा की दूसरी परत, जहां विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और गणमान्य व्यक्ति ठहरेंगे। इनमें ताज, मौर्य, लीला और ओबेरॉय होटल शामिल हैं।
- सबसे बाहरी परिधि मध्य दिल्ली के आसपास सुरक्षा की तीसरी परत, जिसमें जमीन से हवा तक निगरानी और व्यापक सुरक्षा कवर शामिल है।
इस तरह होगी पुख्ता निगहबानी
- खुफिया जानकारी जुटाना: खुफिया एजेंसियां सुरक्षा खतरों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए विदेशी एजेंसियों से समन्वय कर रही हैं। हर विदेशी नेता के लिए व्यक्तिगत
खतरे का आकलन किया जा रहा है। - बैकग्राउंड चेक : होटल कर्मचारियों की बैकग्राउंड जांच की जाएगी, ताकि सुनिश्चित हो सके कि उनसे सुरक्षा जोखिम नहीं है।
- अलग कंट्रोल रूम स्थिति पर नजर रखने और किसी भी सुरक्षा खतरे का जवाब देने के लिए अलग नियंत्रण कक्ष बनेगा।
- राज्य सीमाएं सील किसी भी अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए राज्य की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा।
- बढ़ाई जाएगी सुरक्षा : इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सुरक्षा उपस्थिति बढ़ाई जाएगी। परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर प्रतिबंधों को और बढ़ाया जा सकता है।