वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष बीएस धनोआ ने एक बार कहा था, अगर कोई क्रिकेट टीम 11 की जगह 7 खिलाड़ियों के साथ मैच खेले तो क्या होगा। धनोआ बात क्रिकेट की कह रहे थे, लेकिन उनका निशाना वायुसेना में हथियारों की कमी तरफ था। हालांकि, अच्छी बात यह है कि सरकार अब हथियारों की खरीद के उनके निर्माण पर भी जोर दे रही है। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार रक्षा बजट में सरकार इंडस्ट्री दमदार हथियार दे सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष रक्षा बजट में कटौती और अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर रहा है। ऐसे इस बजट में सरकार की ओर से बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए होने वाले एलान पर सभी की निगाहें रहेंगी।
रक्षा पर क्या है मोदी सरकार की नीति
मोदी सरकार ने अपने पिछले दो कार्यकाल में स्पष्ट कर दिया था कि उसका डिफेंस सेक्टर पर ज्यादा फोकस रहने वाला है। उसने डिफेंस सेक्टर के स्वदेशीकरण पर भी जोर दिया है। उम्मीद है कि बजट 2024 में डिफेंस सेक्टर को आगे बढ़ाएंगी। हालांकि, इस साल फरवरी को पेश किए अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ने 6.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
सरकार ने इसमें कुल आवंटन में सिर्फ पांच प्रतिशत की वृद्धि की थी। इस पर सरकार का कहना था कि जुलाई में आने वाले आम बजट में इसमें बदलाव किए जाएगा। इससे पहले साल 2019 में भी सरकार ने पूर्व बजट में अंतरिम बजट की तुलना में रक्षा आवंटन में बढोत्तरी की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस साल भी रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी कर सकती है।
बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में आवंटन
वर्ष | आवंटन (रुपये में) |
2024-25 (अंतरिम) | 6.21 लाख करोड़ |
2023-24 | 5.94 लाख करोड़ |
2022-23 | 5.25 लाख करोड़ |
2021-22 | 5.78 लाख करोड़ |
भारत का रक्षा बजट अभी भी कम
सरकार रक्षा बजट पर खर्च लगातार बढ़ा रही है, लेकिन यह अभी अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले कम है। एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका का रक्षा बजट भारत से 10 गुना अधिक है। वहीं ड्रैगन का भी रक्षा बजट भारत का चार गुना है। चीन से तनाव को देखते हुए भी भारत को अपना रक्षा बजट बढ़ाने की जरूरत है।
पाकिस्तान ने 15 फीसदी बढ़ाया है रक्षा बजट
भारत का पड़ोसी पाकिस्तान आर्थिक रूप से बदहाल है। लेकिन, उसने भी पिछले महीने पेश बजट में अपने रक्षा खर्च को 15 फीसदी बढ़ाने का एलान किया है। पाकिस्तान के साथ भारत का विवाद सबसे गहरा है। दोनों देशों के दरम्यान कई बार सैन्य संघर्ष भी हो चुका है। ऐसे में भारत पर भी रक्षा बजट बढ़ाने का दवाब रहेगा।
अग्निपथ योजना में बदलाव
केंद्रीय बजट 2024 में सरकार की ओर से अग्निपथ योजना में बदलाव किए जाने की उम्मीद है। नई सरकार के गठन के बाद रक्षा मंत्रालय इसकी व्यापक समीक्षा कर रहे है। सरकार और उसके सहयोगी इस योजना को पहले से आकर्षक बनाने को लेकर तैयारी कर रहे हैं। संभव है कि बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस योजना को लेकर जिक्र कर सकती है।
कितन है रक्षा क्षेत्र का उत्पादन और निर्यात
रक्षा क्षेत्र के उत्पादन और निर्यात की बात करें तो भारत लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। पिछले छह वित्त वर्षों में इसमें करीब दस गुना बढ़ोत्तरी हुई है। 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के पार कर चुका है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है। तब भारत का रक्षा निर्यात 16 हजार करोड़ रुपये था। फिलहाल भारत करीब 85 देशों को हथियार निर्यात कर रहा है।
बढ़ रहा रक्षा निर्यात
वर्ष | राशि (रुपये में) |
2016-17 | 1521 करोड़ |
2017-18 | 4682 करोड़ |
2018-19 | 10745 करोड़ |
2019-20 | 9115 करोड़ |
2020-21 | 8434 करोड़ |
2021-22 | 13,000 करोड़ |
2022-23 | 16,000 करोड़ |
2023-24 | 21,000 करोड़ |
बाजार की भी रहेंगी निगाहें
भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों हर सेक्टर में तेजी दिख रही है। डिफेंस सेक्टर के स्टॉक ने भी निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। ऐसे में बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए किए जाने वाले एलान पर निवेशकों के साथ-साथ शेयर बाजार की भी नजर रहेगी।
रेटिंग एजेंसी नोमुरा की रिपोर्ट की माने तो अगले 10 वर्षों के दौरान भारत के रक्षा क्षेत्र बाजार का आकार 138 अरब डॉलर का हो सकता है। रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग से इस क्षेत्र के बाजार को बढने में मदद मिलेगी।