बरसात का मौसम आते ही मौसमी बीमारियां तेजी से पैर पसारने लगी हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार सजग है। इसी क्रम में प्रदेश के मुखिया सीएम विष्णुदेव साय ने मलेरिया और डायरिया से निपटने के लिए जिला प्रशासन को हरसंभव उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उनसे मिले निर्देश के बाद बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने रविवार के दिन वीसी के जरिए अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में मलेरिया और डायरिया के ताजा हालात की समीक्षा की।
उन्होंने पेयजल के तमाम स्रोतों को अगले दो दिनों में क्लोरिनेशन के निर्देश दिए। गावों की सभी बोरिंग में प्लेटफार्म बनाने को कहा है। जिला पंचायत के मद से अगले 15 दिनों में इसे बनाया जायेगा। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि सभी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपने मुख्यालय में रहकर ईमानदारी से ड्यूटी करें। दवा और बेड की कोई कमी किसी भी स्तर नहीं होगी। कलेक्टर ने कहा है कि लोगों को बीमारी का असल कारण समझाएं और उन्हें पानी उबालकर और इसमें क्लोरिन टैबलेट डालकर पीने की सलाह दें। लोगों का इस संबंध में सावधान व सजग रहने के लिए जागरूक करने की जरूरत है।
कलेक्टर ने पिछले 10 साल में हुए आउटब्रेक की जानकारी देकर इन ग्रामों का निरीक्षण करने के निर्देश एसडीएम व तहसीलदार को दिए। उन्होंने कहा की प्रशासन के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सभी संबंधित विभाग आपसी तालमेल बनाकर काम करें। उन्होंने इलाज के लिए जिला मुख्यालय के साथ एहतियात के तौर पर सभी सीएचसी और पीएचसी में भी अतिरिक्त बेड तैयार रखने को कहा है।
उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने सभी एसडीएम को उनके क्लीनिक और दुकान बंद कर कार्रवाई करने को कहा। यथासंभव उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। कलेक्टर ने निजी समाजसेवी संस्थाओं को भी अभियान में सहयोग देने की अपील की। कलेक्टर की अपील पर रतनपुर महामाया ट्रस्ट की ओर से बीमार मरीजों को खिचड़ी और भोजन उपलब्ध कराई जा रही है।