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दीपक बैज बोले- बीजेपी राज में स्वास्थ्य सुविधाएं-कानून व्यवस्था बदहाल

छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधा और कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने विष्णुदेव साय शासन में स्वास्थय सुविधा और कानून व्यवस्था समेत कई अपराधिक मामलों को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सात महीने की साय सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था खस्ताहाल हो गई है, राजधानी में गोलीबारी की आर घटना हुई है। अंतर्राज्यीय गैंगस्टर राज्य में पैर पसार रहे हैं, सरकार है कि मूकदर्शक बनी हुई है। इन सभी मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी 24 जुलाई को विधानसभा की घेराव करेगी।

पीसीसी चीफ बैज ने कहा कि सात माह में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्यायें। चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हो चुकी है। सरकार आम आदमी की रक्षा नहीं कर पा रही है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था के साथ आम आदमी को शुद्ध पेयजल और छोटी-छोटी बिमारियों का इलाज भी साय सरकार नहीं दे पा रही है। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कहा कि वनांचलों में मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों से लोग मारे जा रहे हैं। सात माह में ही भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की जनता पर त्रासदी साबित हो रही है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11 हजार लोग डायरिया से तथा 22 हजार से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हैं। आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में डायरिया से 10 से अधिक मौतें हुई, 12 मौतें मलेरिया से हुई है। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाईयो की मौत हो गयी, बीजापुर के पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चियों की मौत मलेरिया से हो गयी है। कांकेर जिले में भी एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है।

जशपुर में दो बच्चों की मौत, कवर्धा के चिल्फी में संरक्षित जनजाति बैगा परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। बिलासपुर जिला में दो भाइयों की मौत, गरियाबंद जिला के मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट शोभा, गोना क्षेत्र में मलेरिया का कहर जारी है एक बच्ची की मौत हो गयी।

पीसीसी चीफ ने कहा कि यह डबल इंजन सरकार की हकीकत है 2024 में भी लोग मलेरिया और डायरिया से मर रहे है। राज्य सरकार की लापरवाही से लोगों के सामान्य चिकित्सा सेवायें भी नहीं पहुंच रही है।हाई कोर्ट ने भी मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को गंभीरता से लिया है। मामले में राज्य सरकार को नोटिस देना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। यह सरकार के लिये शर्म की बात है। सरकार बीमारी के इलाज के लिये प्रभावी कदम उठाने के बजाय मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को नकारने में लगी है। 2018 में जब भाजपा के 15 साल के कुशासन का अंत हुआ था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी उस समय छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण दर 5.63 प्रतिशत था जो 5 साल के कांग्रेस सरकार के सुशासन में मलेरिया उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप घटकर मात्र 0.99 प्रतिशत रह गई थी। मलेरिया संक्रमण में 10 गुना कमी आयी थी।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद साय सरकार की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते 7 माह में प्रदेश में मलेरिया संक्रमण की दर पुनः तेजी से बढ़ने लगा है। कांग्रेस सरकार में हाट बाजार क्लिनिक और मेडिकेटेड मच्छरदानियों के वितरण से बस्तर, सरगुजा, कवर्धा, जशपुर के आदिवासी अंचलों से मलेरिया और डायरिया से लोगों की मौतों में विराम लगा था। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भयावह हो गयी है वनांचल में ही नहीं शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं लोग मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारी से मर रहे है। भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में जनता एक बार फिर से कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत और नक्सलवाद की त्रासदी झेलने मजबूर है। अस्पतालों में दवाई नहीं है, सामान्य जांच बंद हो गई, लोग इलाज के लिये भटक रहे है। मेडिकेट मच्छरदानियों का वितरण केवल कागजों पर है। मच्छरदानी पर भी भ्रष्टाचार कर रहे है।

उन्होंने बताया कि रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में 50 करोड़ की मशीन बंद पड़ी है। जशपुर से लेकर रायपुर, बिलासपुर, बीजापुर तक यही हाल है। 2018 के पहले भी भाजपा की रमन सरकार में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं में अराजकता का माहौल था। अवैध कारोबार, भू-माफिया, रेत माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग्स तस्कर, मानव तस्करों का बोलबाला था। आज फिर वही स्थिति निर्मित हो गई है। कांग्रेस सरकार में जो मजबूत कानून व्यवस्था था उसे 7 महीने में ही साय सरकार ने पलीता लगा दिया है। गृह मंत्री सिर्फ हवा हवाई बयानबाजी करते हैं, धरातल पर कानून नाम की चीज नहीं है। चौक-चौराहों पर अवैध वसूली शुरू हो गया है। बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने कांग्रेस 24 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेगी।