छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी बनेगा। इससे युवाओं को उच्च गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री मिलेगा। 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी के प्रस्ताव को वित्त विभाग से हरी झंडी मिल गई है। लाइब्रेरी को ‘नॉलेज बेस्ड सोसायटी’ यानी ‘ज्ञान आधारित समाज’ के नाम से प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर लाइब्रेरी बनेगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रदेश के युवाओं को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। वित्त विभाग ने रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी के लिए 85 करोड़ 42 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की है। प्रदेश के चार नगरीय निकायों में 500 सीटर और नौ नगरीय निकायों में 200 सीटर लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा।
यह उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा, जो छोटे शहरों में रहकर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करना चाहते हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। लाइब्रेरी निर्माण का मुख्य उद्देश्य स्थानीय युवाओं के शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने मुख्य बजट भाषण में भी इसका जिक्र करते हुए कहा था कि युवाओं के अध्ययन के लिए नालंदा परिसर की तर्ज पर लाइब्रेरी निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इन केंद्रों को ‘नॉलेज बेस्ड सोसायटी’ यानी ज्ञान आधारित समाज के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाए, ताकि ये युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत और सरकार के लिए एक आदर्श बन सके।