उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को प्रदेश का पहला ‘सोलर एक्सप्रेसवे’ बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित शिविर कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की। मंत्री के मीडिया प्रभारी बालाजी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सोलर एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर 9 अगस्त को लखनऊ में सभी भागीदारों और सौर ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ एक संगोष्ठी आयोजित करने का निर्णय शुक्रवार की बैठक में लिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, विज्ञप्ति के अनुसार, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही बिजली भी पैदा करेगा। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पर्यावरण संरक्षण के लिए 25 हजार से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। साथ ही 1700 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश का सबसे लंबा सोलर पार्क भी विकसित किया जाएगा जिससे 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा। विज्ञप्ति के मुताबिक, इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिजवे और सर्विस रोड के बीच स्थित 1700 हेक्टेयर भूमि पर 15-20 मीटर चौड़ाई में सोलर पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए कंपनियों को 25 वर्ष के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित की जाएगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में सोलर एक्सप्रेसवे के साथ ही गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति पर भी चर्चा हुई। अगले वर्ष प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा करने एवं कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए 10 अगस्त को प्रयागराज में समीक्षा बैठक करने का निर्णय किय गया। मेरठ से प्रयागराज के बीच गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है।