राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहीं बसों के सुरक्षित संचालन की निगरानी शुरू हो गई है। इसके लिए दिल्ली के विभिन्न जगहों पर 1500 से अधिक एटीआई (असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टर) तैनात किए गए हैं, ताकि बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। दिल्ली परिवहन निगम ने आए दिन हो रहे बस हादसों को देखते हुए यह फैसला किया है।
खास बात यह है कि यह निगरानी तब शुरू की गई है जब हाल ही में पंजाबी बाग इलाके में एक ई-बस मेट्रो पिलर से टकरा गई थी, इस हादसे में बस में सवार एक महिला यात्री की मौत हो गई थी। इस मामले में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने विशेष परिवहन आयुक्त को दुर्घटना की जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
राजधानी में 7200 सीएनजी बसें हैं। इन बसों का प्रबंधन डीटीसी और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (डिम्स) करता है। इसके अलावा 1650 ई-बसें भी चल रही है। इनका प्रबंधन डीटीसी के साथ ही डिम्स भी करता है। इन बसों को बनाने वाली कंपनी जेबीएम व टाटा की तरफ से ही बसों का संचालन किया जा रहा है। दोनों कंपनियों ने खुद का चालक रखा हुआ है, वहीं परिचालक डीटीसी व डिम्स के हैं।
हाल के दिनों में बसों के हुए हादसों से चालकों की कुशलता पर सवाल उठते रहे हैं। डीटीसी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि कंपनियों में चालक की नियुक्ति डीटीसी के पैटर्न पर नहीं होती है। ई-बसों का संचालन कर रहीं कंपनियों के पास डीटीसी की तरह प्रशिक्षित चालक नहीं हैं। वहीं इस इस पर डीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि यह बात सही नहीं कि कंपनियों के पास प्रशिक्षित चालक नहीं है। हादसे न हो इसके लिए कदम उठाएं जा रहे हैं।
इस साल 7 लोगों की हो चुकी है मौत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते दो वर्ष 2022 और 2023 में क्लस्टर बसों से कुल 210 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 198 लोग घायल हुए और 55 की मौत हुई। वहीं इस वर्ष 15 जुलाई तक क्लस्टर बसों से कुल 33 दुर्घटनाएं हुई जिसमें 30 लोग घायल हुए और सात मौतें हुई।
प्रशिक्षण के लिए खरीदे जाएंगे उपकरण
अधिकारियों ने बताया कि चालकों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए कई उपकरण खरीदने की योजना है। इसमें ड्राइविंग सिम्युलेटर प्रमुख है। साथ ही चालकों के लिए आधार-आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू किया जाएगा। निगरानी के दौरान यदि चालक की कोई गलती पाई जाती है तो उसका चालान भी करेंगे। साथ ही यह देखा जाएगा कि कोई भी चालक शराब पीकर बस न चलाए। इसके लिए ब्रीद एनालाइजर से चालकों के सांसों की जांच की जाएगी।